वाहनों पर तिरंगा लगाने के ये हैं नियम, लगाने से पहले जानें ये बातें
हर साल आप देखते होंगे कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभक्ति की भावना में लोग राष्ट्रीय ध्वज अपनी कार पर लगाते हैं लेकिन शायद आपको मालूम नहीं कि हर कोई अपने वाहन पर भारत का झंडा नहीं लगा सकता है और ऐसा करने पर उसे जेल भी हो सकती है.
नई दिल्ली: आजादी के अमृत महोत्सव को आम जन तक पहुंचाने के लिए इस बार तीन दिन के लिए झंडा फहराने के नियमों को शिथिल किया गया है. इसके लिए फ्लैग कोड में आवश्यक बदलाव भी किये गए है जैसे कि अब राष्ट्रीय ध्वज दिन और रात में भी फहराया जा सकता है.
ये लोग अपने वाहन पर लगा सकते हैं झंडा
गृह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार झंडा संहिता के सेक्शन IX पैरा 3.44 में कुछ लोगों को कार (मोटर-कारों) में झंडे फहराने के विशेष अधिकार दिए गए हैं. ये हैं राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति, राज्यपाल और उप राज्यपाल, प्रधानमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री, केंद्र के राज्य मंत्री, मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा और लोकसभा उपाध्यक्ष, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों पोस्टों के अध्यक्ष, विधानसभाओं के अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के जज, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एवं जज.
विदेशियों के लिए ये है नियम
जब कोई विदेशी मेहमान सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहन में यात्रा करता है तो राष्ट्रीय ध्वज कार के दाईं और लगाना होगा और संबंधित दूसरे देश के व्यक्ति का झंडा कार के बाईं तरफ लगाना होता है.
'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002' के ये हैं नियम
झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए. इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए.तिरंगा कभी भी फटा या मैला-कुचैला नहीं फहराया जाना चाहिए. अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तीलियां होनी आवश्यक हैं. तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता. किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को छूना नहीं चाहिए. किसी अन्य झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं रख या लगा सकते हैं.
फ्लैग कोड को न मानने पर हो सकती है जेल
फ्लैग कोड के अनुसार, इन खास लोगों के अलावा कोई और व्यक्ति कार पर झंडा लगाता है तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत 3 साल तक की जेल या जुर्माना की सजा का प्रावधान है.
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