नई दिल्ली/राहुल मिश्राः कांग्रेस पार्टी प्रमुख मलिकार्जुन खड़गे के द्वारा गठित कांग्रेस संचालन समिति की पहली बैठक हुई. इस बैठक में पूर्ण सत्र को लेकर बैठक हुई. बैठक में जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, अजय माकन, पी एल पुनिया, प्रमोद तिवारी, अम्बिका सोनी, अभिषेक मनु सिंघवी, जे पी अगग्रवाल, सोनिया गांधी, अजय कुमार, रणदीप सुरजेवाला, पी चिदंबरम ,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुंचे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कांग्रेस पार्टी प्रमुख मलिकार्जुन खड़गे ने बैठक की शरुआत करते हुए कहा कि मैं स्टीयरिंग कमिटी की पहली बैठक में आप सबका स्वागत करता हूं. पूरे देश में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सभी साथियों का भी धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मुझमें विश्वास जताया. देश के सभी कांग्रेसजनों की ओर से सोनिया गांधी का विशेष अभिनंदन व धन्यवाद करना चाहूंगा, जिन्होंने नेतृत्व की कुशलता, अथक मेहनत, व कांग्रेस के बुनियादी सिद्धांतों में अटूट विश्वास के साथ दो दशक से अधिक पार्टी और देश का मार्गदर्शन किया. भविष्य में भी हम सब उनके असीम स्नेह व मार्गदर्शन के अभिलाषी रहेंगे.



कांग्रेस पार्टी प्रमुख मलिकार्जुन खड़गे ने बैठक की शुरुआत करते हुए कहा कि मैं पार्टी के महासचिवगण व प्रभारीगण से चाहुंगा कि वो सबसे पहले खुद की जिम्मेदारी तथा संगठन की जिम्मेदारी सुनिश्चित करें कि आपके प्रदेश में, जिसके आप प्रभारी हैं, अगले 30 दिन से 90 दिन के बीच में संगठन व जनहित के मुद्दों पर आंदोलन के लिए क्या रूपरेखा है? जिन प्रांतों में आज से साल 2024 के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां चुनाव तक क्या प्लानिंग व एक्टिविटी शेड्यूल है. जब तक आप स्वयं, आपके सचिवगण, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्षगण, पार्टी के विधायक मंडल व सांसदगण इन सब व अन्य महत्वपूर्ण चीजों का खाका तैयार कर जमीनी स्तर पर लागू नहीं करेंगे, हमारी जिम्मेदारी पूर्ण नहीं हो सकती. पार्टी में जहां अपने कर्तव्य को निभाने वाले बहुत जिम्मेदार लोग हैं, वहीं कुछ साथियों ने यह मान लिया है कि जिम्मेदारी निभाने में कमी को नजरंदाज कर दिया जाएगा. यह न तो ठीक है और न ही मंजूर किया जा सकता. जो लोग जिम्मेदारी निभाने में असक्षम हैं, उन्हें नए साथियों को मौका देना पड़ेगा. मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब संगठन व आंदोलन का एक खाका तैयार कर अगले 15 से 30 दिन में इस पर मिल बैठकर मुझसे चर्चा करेंगे. कांग्रेस स्टीयरिंग कमिटी के सदस्यों व पार्टी के अन्य नेताओं को भी जरूरत के अनुसार आप इस कार्यक्रम में शामिल करेंगे.


कांग्रेस पार्टी प्रमुख मलिकार्जुन खड़गे ने कहा कि साथियों, देश में एक नया इतिहास लिखने वाली राहुल गांधी जी के नेतृत्व में चल रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ आज 88 दिन पूरे कर रात के समय राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेगी. भारत जोड़ो यात्रा अब एक राष्ट्र आंदोलन का रूप ले चुकी है. एक ऐसा आंदोलन, जो देश में कमरतोड़ महंगाई, भयंकर बेरोजगारी, नाकाबिले बर्दाश्त आर्थिक व सामाजिक असमानता, तथा नफरत की राजनीति के खिलाफ एक निर्णायक जंग का आह्वान है. देश के करोड़ों लोग राहुल गांधी जी व कांग्रेस के संकल्प से जुड़े हैं. इनमें भारी संख्या में वो लोग भी हैं, जो कांग्रेस से नहीं जुड़े थे, या फिर हमारी आलोचना किया करते थे. भारत जोड़ो यात्रा का एक राष्ट्रीय जन आंदोलन का रूप ले लेना ही इस यात्रा की सबसे बड़ी कामयाबी है.जिन प्रदेशों से यात्रा निकली है, वहां के कांग्रेसजनों ने आम जनता के साथ जोश व साहस से अपनी आवाज बुलंद की है. मैं इसके लिए उन्हें मुबारकबाद देता हूं.


खड़गे ने कहा कि मैं आपके समक्ष यह भी रखना चाहूंगा कि इस राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन को देश के हर गांव, हर शहर, हर व्यक्ति तक पहुंचाने में हम सबकी क्या भूमिका रही है? जहां कई प्रदेशों ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली है, क्या हम इसके बुनियादी उसूलों को हर गांव तक, हर शहर और कस्बे तक ले जा पाए हैं? मुझे लगता हैं? कि हम जो कर पाए, वह एक सार्थक कोशिश तो है, पर नाकाफी है. हम सबको इन मुद्दों को, यात्रा की भावना को, यात्रा के उसूलों को हर घर तक पहुंचाना है. संगठन महासचिव ने इस बार एक विस्तृत ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ प्लान तैयार किया है, जिसे वह आप सबसे साझा करेंगे. मुझे उम्मीद हैं? कि आप इसे लागू करने के बारे पूरी रूपरेखा पार्टी संगठन को देंगे, व जरूरत हो, तो हम मिलकर इस पर चर्चा करेंगे. 



कांग्रेस पार्टी प्रमुख मलिकार्जुन ने कहा कि मैंने यह सब इसलिए कहा क्योंकि मोदी सरकार ने देश के लोगों पर, उनके अधिकारों पर, उनकी उम्मीदों पर हमला बोल रखा है, और उनकी रक्षा की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की है. जब गरीब या मध्यम वर्ग या नौकरीपेशा का महीने का बजट ही बिगड़ जाए, तो यह उसकी जिंदगी पर हमला है. जब देश की अर्थव्यवस्था औंधे मुंह गिरी हो, व देश का रुपया सरकार की साख के साथ-साथ गिरता जाए, तो यह देश के विकास और तरक्की पर हमला है. जब देश के करोड़ों काबिल युवाओं के लिए रोजगार ही न हो, व मौजूदा रोजगार भी घटते जाएं, तो यह देश की आजीविका पर हमला है. जब देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, वंचितों और शोषितों में असुरक्षा का माहौल हो, और आए दिन सरकार उनके अधिकारों का दामन करे, तो यह देश के मेहनतकशों की जिंदगी पर हमला है. जब देश का किसान दिल्ली के दरवाजे पर आत्महत्या को मजबूर हो जाए और उसे एमएसपी की गारंटी के लिए अपनी ही सरकार से संघर्ष करना पड़े, तो यह अन्नदाता की जिंदगी पर हमला है. जब पड़ोसी देश चीन हमारी सरजमीं पर कब्जा कर बैठा हो तथा आए दिन नए सैन्य निर्माण करें और सरकार चुप रहे, तो यह देश की अखंडता पर हमला है. हमें मिलकर इन सबके खिलाफ व नफरत के बीज बो कर बंटवारे की खेती काटने वाली सत्ताधारी ताकतों के खिलाफ मिलकर लड़ना है. यही हम सबका कर्तव्य भी है, और राष्ट्रधर्म भी.