MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश के चुनाव को लेकर हाल ही में खबर आई कि कभी पीएम मोदी (PM Modi election campaign) का चुनावी वॉर रूम संभाल चुके सुनील कानुगोलू (Sunil Kanugolu) ने एमपी कांग्रेस के लिए भोपाल में अपना डेरा जमा लिया है. सुनील राजनीति के चाणक्य प्रशांत किशोर की टीम में थे. इस दौरान उन्होंने जीत की कई पटकथाएं लिखी है. सबसे बड़ी उपलब्धि थी साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत की कहानी का हिस्सा होना. सुनील अब मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) कांग्रेस का मैनेजमेंट संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं.  सोशल मीडिया (Social Media) पर उनके नाम को सर्च किया जा रहा है कि ये हैं कौन. 


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MP कांग्रेस का वॉर रूम तैयार
मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक दिग्विजय सिंह के बेटे और कांग्रेस सांसद नकुलनाथ के घर को 2023 की जीत के लिए वार रूम बनाया गया है. टीम 2023 विधानसभा चुनाव का पूरा कैंपेन डिजाइन करेगी और इस बार एमपी में कांग्रेस की सरकार बने ये सुनिश्चित करेगी. सुनील कानुगोलू की बात करें तो वो साल 2017 में बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी अहम भूमिका में रहे हैं. द्रमुक के लिए 2019 लोकसभा चुनाव और अन्नाद्रमुक के लिए 2021 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अपना दम दिखा चुके हैं. 



 


मोदी कैंपेन में साबित हुए हीरो
साल 2014 में नरेन्द्र मोदी को मिली ऐतिहासिक जीत में भी वो अहम भूमिका निभा चुके है. उन्होंने उस समय एसोसिएशन आफ बिलियन माइंड्स (ABM) बनाया.  वो BJP का वार रूम था. इसके बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक के चुनावी अभियान में भी ABM का नेतृत्व किया. 


जीत की पटकथाएं 
सुनील ने साल 2017 में यूपी, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड असेंबली चुनावों तक में दमखम दिखाया है. इन सभी राज्यों में बीजेपी ने या तो सरकार बनाई या सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई. बीजेपी के अलावा वो डीएमके, एआईडीएमके के लिए भी काम कर चुके हैं. कर्नाटक की चुनावी रणनीति के साथ अब वो मध्य प्रदेश में भी कमान संभाल चुके हैं. 


भारत जोड़ो यात्रा के सूत्रधार
कर्नाटक में उन्होंने बीजेपी की खासा चिता बढ़ाई हुई है. 40 फीसद PayCM कैंपेन से उन्होंने बीजेपी सरकार को भ्रष्ट करार देने की पूरी कोशिश की. इसके तहत उन्होंने एक QR कोड के बीच कर्नाटक सीएम की फोटो लगाई और 40 फीसद कमीशन लेने वाला भ्रष्ट मुख्यमंत्री बताया. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की रणनीति भी सुनील ने ही तैयार की थी. इसमें सबसे महत्वपूर्ण था भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर कश्मीर में तिरंगा फहराने. 



 


जयललिता की भी संभाली थी नैया 
साउथ की राजनीति पर नजर डालें तो पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की गैर मौजूदगी में भी सुनील ने पार्टी भागदौड़ बखूबी संभाली थी. वो मूल रूप से कर्नाटक के ही रहने वाले हैं. 2017 में उत्तर प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड के पिछले विधानसभा चुनावों तक की जिम्मेदारी बखूबी निभा चुके हैं.