मनीष पुरोहित/मंदसौर: अंधविश्वास आज भी लोगों के दिमाग से खत्म नहीं हुआ है. लोग चांद पर जा रहे हैं और कुछ लोग आज भी खुद को कष्ट देकर भगवान को खुश करने में जुटे हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से सामने आया है, जहां आस्था के नाम पर लोग दहकते अंगारों पर दौड़ रहे हैं. इस अंधविश्वास की दौड़ को यह लोग भक्ति की अग्नि परीक्षा मान कर खुद की जान से खेल रहे हैं.


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आग में दौड़ते हैं भक्त
मामला मंदसौर के नालछा माता मंदिर का है. यहां नवरात्रि के समापन पर दशहरा के दिन लोग अपनी भक्ति का प्रमाण देते हैं. जिसमें एक चूक भी इनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है. नालछा माता मंदिर में हर साल दशहरा के दिन चूल का आयोजन किया जाता है.जिसमें भक्त जलते अंगारों पर चलते हैं. 


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जवान से लेकर बुजुर्ग तक इसमें हिस्सा लेते हैं. जिस वक्त यह लोग आग पर दौड़ते हैं उस वक्त अन्य लोग आग को दहकाने के लिए उसमें घी झोंकते हैं.इसे करते समय कई लोग लड़खड़ा जाते हैं, तो कुछ गिरते-गिरते बचते हैं, लेकिन लोगों के मन में अटूट श्रद्धा के चलते वह इसे करने से नहीं रुकते.


गौरतलब है कि इस आयोजन के दौरान अंधविश्वास की दौड़ को रोकने वाले अधिकारी खुद इसका हिस्सा बन रहे हैं. हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस जानलेवा खेल में अगर किसी को हानि हो जाती है. उसके लिए मौके पर डॉक्टर भी मौजूद नहीं है, केवल एक एम्बुलेंस और छोटे फायर फाइटर को तैनात किया गया है.


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