Bhopal: बीजेपी के पूर्व विधायक ने उठाई तलवार, सोशल मीडिया पर लिखा- घुट-घुट कर मरने से अच्छा है...
बीजेपी के पूर्व विधायक ने जब तलवार उठाते हुए फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो भोपाल बीजेपी में हलचल मच गई. उनके फोटो और कमेंट को लोग अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं और चर्चा कर रहे हैं. पूर्व विधायक ने तलवार लिए सोशल मीडिया पोस्ट डालते हुए लिखा, `घर में बैठ कर घुट- घुट कर मरने से अच्छा है, आओ लड़कर मरते हैं.`
प्रमोद शर्मा/भोपाल : एमपी में भोपाल मध्य के पूर्व विधायक सुरेन्द्रनाथ सिंह ने तलवार उठाते हुए अपना फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. जी हां, पूर्व विधायक ने तलवार लिए सोशल मीडिया पोस्ट डालते हुए लिखा, "घर में बैठ कर घुट- घुट कर मरने से अच्छा है, आओ लड़कर मरते हैं."
पार्टी ने कर दिया है साइड लाइन
दरअसल, पूर्व विधायक पिछले कुछ दिनों से पार्टी से साइड लाइन में हैं. पिछले दो-तीन दिन से सुरेन्द्र मम्मा अपने मन की व्यथा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. पहले उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया वाले शेर के जरिये मन की बात लिखी कि उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, यदि जिन्दा हो तो जिन्दा नजर आना जरूरी है...
फेसबुक पर फोटो किया था शेयर
पूर्व विधायक सुरेन्द्रनाथ सिंह ने फेसबुक पर अपना एक फोटो शेयर किया है जिसमें उन्होंने तलवार दिखाते हुए लिखा है कि घर में बैठ कर घुट-घुट कर मरने से अच्छा है, आओ लड़कर मरते हैं.
पोस्ट पर कर रहे लोग जबरदस्त कमेंट
उनकी इस पोस्ट पर 400 से ज्यादा लोगों ने कमेंट किये हैं. अधिकांश लोगों ने उन्हें मैदान में आकर संघर्ष करने को कहा है. भोपाल भाजपा में यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है. लोग पूछ रहे हैं कि आखिर पूर्व विधायक किसके साथ लड़ने की बात कह रहे हैं.
पुराने और स्थापित नेता हैं सुरेन्द्रनाथ सिंह
सुरेन्द्रनाथ सिंह भोपाल भाजपा के पुराने और स्थापित नेता हैं. उनसे जूनियर कई नेता इस समय सत्ता व संगठन पर हावी हैं. चर्चा है कि मम्मा अपनी उपेक्षा से व्यथित हैं.
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
2018 के विधानसभा चुनावों के ठीक बाद सुरेंद्रनाथ सिंह ने राजधानी भोपाल में गुमटी-रेहड़ी वालों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में भी आंदोलन किया था. प्रशासन की कार्रवाई वाले स्थान पर वे कुर्सी लगाकर बैठ गए थे और गुमटी-रेहड़ी वालों को हटाने की खुलेआम चुनौती दी थी. उन्होंने यह भी कहा था कि प्रशासन की कार्रवाई जारी रही तो सड़कों पर खून की नदियां बहेंगी और वह खून मुख्यमंत्री कमलनाथ का होगा. इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.
2018 में हार गए थे चुनाव
भोपाल के कद्दावर बीजेपी नेताओं में गिने जाने वाले सुरेंद्रनाथ सिंह 2018 के चुनावों में कांग्रेस के आरिफ मसूद से हार गए थे. भोपाल मध्य सीट से मसूद ने उन्हें करीब 15 हजार वोटों से मात दी थी.
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