गुटखा खाने वालों की खैर नहीं! जेब पर लगेगी इतने की चपत; स्पॉट में होगा फाइन
Swachhta Survekshan 2023: लगातार स्वच्छाता अभियान में शीर्ष में रहने वाले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब गुटखा खाने वालों की खैर नहीं होगी. ISBT परिसर को साफ रखने के लिए निगम ने नया प्लान बनाया है.
Swachhta Survekshan 2023: भोपाल। स्वच्छाता अभियान में लगातार शीर्ष पर रहने के बाद अब मध्य प्रदेश में स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की तैयारी शुरू हो गई है. राजधानी भोपला की नगर सरकार ने शहर को साफ रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है. इसकी शुराआत ISBT परिसर में गुटखा खाने वालों पर लगाम लगाने से शुरू की गई है. निगम अब परिसर में गुटखा खाने वालों पर स्पॉट फाइन करेगा.
स्पॉट में लगा फाइन
मंगलवार को निगम के कर्मचारियों ने ISBT परिसर में गंदगी फैलाने वालों पर कार्रवाई की. इस दौरान गुटखा थूकने वालों पर स्पॉट फाइन किया गया. इनसे कर्मचारियों ने 600 रुपये वसूले. इसके बाद सभी को समझाइश दी गई कि सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी न फैलाएं. शहर को साफ रखे. इससे आपको और आपके शहर का भला होगा.
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नंबर-1 आना उद्देश्य
सफाई के लिए शहरों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार ने 2016 में स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू किया था. इसमें पहले भोपाल की रैंकिग अच्छी रही. लेकिन, बाद में शहर पिछड़ते गया. साल 2021 के अभियान में शहर को देश में 7वां स्थान मिला. हालांकि, 2022 में इसमें सुधार हुआ और भोपाल नंबर सात से नंबर 6 पर पहुंच गया. अब निगम का प्रयास इस रैंक में और सुधार कर शहर को शीर्ष पर लाया जाए.
क्या थे 2022 के नतीजे
स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के नतीजों में मध्यप्रदेश का डंका बजा था. राज्य राजस्थान-महाराष्ट्र को पछाड़ कर सबसे स्टेट बन गया था. 100 से अधिक शहरों वाले राज्य की श्रेणी में अपना MP नंबर-1 पर आया था. इसी साल इंदौर ने सफाई का सिक्सर लगाया था और भोपाल ने भी रैंक में सुधार करते हुए 7 से छठवें पायदान पर उछाल मारी थी. इंदौर को गार्बेज फ्री सिटी में 7 स्टार और भोपाल को 5 स्टार मिले थे. अब इस बार सर्वेक्षण से पहले निगम ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. उम्मीद है राजधानी की रैंकिंग में और सुधार होगा.
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