रणथंभौर से कूनो नेशनल पार्क पहुंचे बाघ ने मचाया हड़कंप, चीतों की सुरक्षा को लेकर बढ़ी टेंशन
मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क ( kuno national park) से एक बड़ी खबर सामने आयी है. यहां नामबिया से लाए गए चीतों (cheetahs) की चिंता (tensio) कम होने का नाम नहीं ले रही है. बता दें कि हाल ही में चीतों के बाड़े के पास तेंदुए की हलचल देखी गई थी.
अजय राठौर/श्योपुर: मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क ( kuno national park) से एक बड़ी खबर सामने आयी है. यहां नामबिया से लाए गए चीतों (cheetahs) की चिंता (tensio) कम होने का नाम नहीं ले रही है. बता दें कि हाल ही में चीतों के बाड़े के पास तेंदुए की हलचल देखी गई थी. अभी यह मामला चल ही रहा था. कि इसी बीच चीतों के करीब बाघ (tiger) के आने की सूचना मिली है. इसको लेकर सुरक्षा में तैनात वनकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि बाघ राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व से कूनो नेशनल पार्क पहुंचा है.
तलाश में वन विभाग
आपको बता दें कि हिंदुस्तान में चीतों के नए घर कूनो नेशनल पार्क में रविवार को एक टाइगर ने एंट्री की है. कुनो में पहुंचे टाइगर की पहचान रणथंबोर टाइगर रिजर्व के टी 136 के रूप में बताई जा रही है. शुक्रवार की रात रणथंबोर टाइगर रिजर्व का एक टाइगर श्योपुर जिले की ओर बढ़ा था. आस-पास के गांव में उसने एक पशु का भी शिकार किया था. रविवार की शाम वह कूनो नेशनल पार्क में देखा गया है. कुनो में टाइगर के आने के बाद इसकी तलाश में वन विभाग का अमला जुटा हुआ है.
बाघ चीतों में टकराव का खतरा
वहीं वन विभाग के अधिकारी और वन अमला इस टाइगर के पद चिन्ह तलाश कर उसकी लोकेशन का पता लगाने में जुटा है. कूनो नेशनल पार्क में यूं तो चीतों के अलावा एक सैकड़ो से ज्यादा के करीब तेंदुए मौजूद होने के साथ साथ भालू, लकड़बग्घा सहित सैकड़ों की संख्या में खूंखार जानवर मौजूद हैं. लेकिन रविवार को टाइगर की एंट्री हो जाने के बाद कूनो में चीतों की सुरक्षा को लेकर वन अमला ज्यादा चौकन्ना हो गया है. ऐसे में टाइगर और कूनो के खुले जंगल में मौजूद तीन चीतों के आमने-सामने आने की स्थिति में टकराव का ज्यादा खतरा रहेगा.
इसके पहले भी कई बार आ चुके हैं बाघ
वैसे तो कूनो नेशनल पार्क में टाइगर की एंट्री पहली बार नहीं है. पिछले सालों में कई बार रणथंभौर सफारी के टाइगर पहले भी कुनो में आ कर लौट चुके हैं, क्योंकि कूनो में मौजूद पर्याप्त शिकार के लिए वन्य जीव और यहां का वातावरण रणथंभौर के टाइगर को खूब रास आता है. इसी वजह से कई बार महीनों तक रणथंबोर के टाइगर यहां पर समय गुजारते हुए वापस लोट भी गए हैं. लेकिन चीतों के आने के बाद पहली बार टाइगर कुनो ने आया है. फिलाल टाइगर की आमद के बाद कुनो और वन मंडल का अमला टाइगर की खोज करते हुए उसे वापस रणथंभौर सफारी में भेजने की कोशिश में जुटे हैं. ताकि टाइगर और चीते का आमना सामना ना हो सके.
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