Panna Tiger Reserve Tigress T-1 Died: पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-1 जिसे मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व कहा जाता है.वह अब नहीं रही.बाघिन टी-1 ने उजड़े हुए पन्ना टाइगर रिजर्व को फिर से बसाने में प्रमुख भूमिका अदा की. बता दें कि वर्ष 2009 में जब पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था.तब यह बाघिन बांधवगढ़ से पन्ना लाई गई और इसे टी-1 नाम दिया गया,उसके बाद इसके बच्चों ने इस पार्क को आबाद किया. इस बाघिन को मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व भी कहा जाता है.आज टी-1 की वजह से ही पन्ना में लगभग 80 से भी ज्यादा बाघ हैं.


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बाघिन का कंकाल देखा गया है.
बता दें कि गश्ती दल ने बताया कि एक बाघिन का अवशेष देखा गया है.जिसके बाद वन अधिकारी एवं वन अमला तत्काल मौके पर पहुंचे और डॉग स्क्वायड द्वारा तलाशी का कार्य किया गया और जब वन्य जीव चिकित्सक द्वारा क्षेत्र निदेशक, उप निदेशक एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली के प्रतिनिधि इंद्रभान सिंह बुंदेला की उपस्थिति में किया गया तो परीक्षण के दौरान अवशेषों के पास एक निष्क्रिय रेडियो कॉलर मिला, जिसे बाघिन टी-1 को वर्ष 2017 में पहनाया गया था और तलाशी के दौरान डॉग स्क्वायड को कोई संदिग्ध साक्ष्य नहीं मिलने के कारण अनुमान लगाया गया है कि बाघिन की मौत प्राकृतिक रूप से हुई है.
 
बाघिन ने 13 बच्चों को जन्म दिया 
पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बृजेंद्र झा ने बताया कि बाघिन टी-1 वर्ष 2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघ पुनर्स्थापना योजना अंतर्गत लाई गई थी.इसकी आयु लगभग 17 वर्ष की थी.सामान्यता फ्री रेसिंग में बाघ-बाघिन की आयु लगभग 14 वर्ष होती है.बाघिन टी-1  द्वारा 5 लीटर (बार) में कुल 13 बच्चों को जन्म दिया गया है.बाघिन द्वारा अंतिम बार 2016 को शावकों को जन्म दिया गया, पन्ना टाइगर रिजर्व में यह बाघिन 14 वर्ष से अधिक समय तक स्वच्छंद विचरण करती रही जो कि अपने आप में उल्लेखनीय वृद्धि हो जाने के कारण बाघिन पन्ना टाइगर रिजर्व में स्वच्छंद विचरण कर रही थी एवं दूसरे बाघों के किल (शिकार) को खाकर अपना पेट भर रही थी.पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना योजना में बाघिन टी-1 का अहम योगदान रहा.