करोड़ों के घोटाले के जिम्मेदारों पर नहीं हुई कार्रवाई, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
भिंड के ग्रामीण इलाके में हुए शौचालय घोटाले में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सख्त रुख अपना लिया है. दरअसल दोषी कर्मचारियों को बर्खास्त नहीं करने पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
ग्वालियरः स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के तहत भिंड (Bhind News) के ग्रामीण इलाकों में शौचालयों के निर्माण में धांधली होने का खुलासा हुआ था. हालांकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद अब हाईकोर्ट (High court) ने इस मामले में सख्त रुख अपना लिया है. हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने भिंड कलेक्टर को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की है.
क्या है मामला
बता दें कि भिंड के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ था. जिसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने गड़बड़ी की जांच के आदेश दिए. जांच में शिकायत सही निकली और पंचायत सचिव और रोजगार सहायक घोटाले के जिम्मेदार मिले. हाईकोर्ट ने दोषियों से गड़बड़ी की राशि वसूलने के निर्देश दिए. इसके बाद प्रशासन ने दोषी कर्मचारियों-अधिकारियों से गड़बड़ी की राशि तो वसूल ली थी लेकिन उन्हें नौकरी से नहीं हटाया गया.
अब हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है और भिंड कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि शौचालय निर्माण में पूरे मध्य प्रदेश में घोटाले हुए हैं. इसकी पूरी जांच होनी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि भिंड जिले की जनपद पंचायत अटेर, मेहगांव, भिंड, गोहद, रोन और लहार में शौचालय निर्माण में गड़बड़ी के आरोप लगे थे, जिसके बाद पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने मामले की जांच के आदेश दिए थे. इस मामले में भिंड जिले की अटेर तहसील के ऐतहार गांव में रहने वाले ओम नारायण शर्मा ने अपनी पंचायत में शौचालयों के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया कि कई जगहों पर शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है और भुगतान ले लिया गया है.