सीहोर: एमपी में सीहोर के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही का एक संवेदनशील मामला सामने आया है जहां एक मरीज जरा से फोड़े के चार दिन पुराने घाव के इलाज के लिये आया था. पृष्ठ भाग पर हुए छोटे से घाव के लिये पूरे पैर पर बाजार से मंगाया गया मरहम लपेट दिया गया और पट्टी भी कर दी गई. 


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24 घंटे में ही पक गया पूरा पैर 


इस इलाज से 24 घंटे में ही पूरा पैर पक गया. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सबके हाथ-पांव फूल गये. कुल सात दिन बाद अंतत: मरीज की मौत हो गई. 


डॉक्‍टर ने क‍िया गलत इलाज 


सीहोर जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम बिजलोन निवासी मनोहर वंशकार (50) मजदूरी करता था जो पिछले दिनों पृष्ठभाग में हुए घाव के कारण सीहोर के जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में दिखाने आया था. जिला अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा मरीज के परिजनों से कहा क‍ि जख्म छोटा है, ठीक हो जायेगा, पट्टी कराकर घर ले जाओ.  


क्रीम को पूरे पैर पर ही मल द‍िया  


मृतक के परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि पट्टी करने वाले अस्पताल के कर्मचारियों ने बाजार से सुमेग नाम का पीले रंग का क्रीम मंगवाया. सुमेग दवा को पूरे पैर और घाव पर मल दिया, जिसके बाद उनके पैर और पेट में सूजन आ गई. परिजनों ने मरीज को डाक्टर को दिखाया तो उन्होंने भर्ती किया. इस दौरान पूरे पैर में फफोले तक पड़ गए. इसके बाद परिजन मरीज को भोपाल के एम्स में ले गये जहां इलाज के दौरान पता चला कि किडनी तक में इंफेक्शन फैला है और इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई. 


जल्‍द जांच का क‍िया वादा 


मृतक अपने पीछे चार बेटियां और तीन बेटे छोड़ गया. परिवार में वही अकेला कमाने वाला गरीब मजदूर था. अब इस गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले घर के भरण-पोषण के आखिर जिम्मेदारी कौन लेगा? मृतक मनोहर बंशकार की 4 बेटियां अपने दो भाइयों सहित अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रही है. जिला अस्पताल सीहोर के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रवीर गुप्ता का कहना है कि मामले की जांच कराकर जल्‍द ही कार्रवाई की जाएगी. 


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