चंद्रशेखर सोलंकी/रतलाम: प्रदेश में चुनावी साल (Madhya Pradesh Assembly Elections) में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं, इस बार चुनाव से पहले आदिवासियों को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पूरी ताकत से काम कर रही हैं. आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम आज रतलाम पहुंचे, लेकिन रतलाम में इस आयोजन की जिम्मेदारी जयस (जय आदिवासी युवा संगठन) के पर्यवेक्षक डॉ. अभय होहरी ने संभाली. जिसके बाद से गठबंधन को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज होने लगी है.


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जयस के साथ रहने पर आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष ने यह बात कही
आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वे प्रदेश के विभिन्न जिलों में आदिवासियों के साथ चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक करने जा रहे हैं. वहीं जयस के साथ रहने और चुनाव में कांग्रेस द्वारा जयस को टिकट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जयस से हीरालाल अलावा को भी टिकट दिया था, आगे कांग्रेस संगठन तय करेगा कि किसे टिकट दिया जाना है.


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'कमलनाथ के साथ आदिवासी जुड़ने को है तैयार'
आदिवासी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सरकार आदिवासियों पर अत्याचार और हत्या जैसी घटनाओं को दबाने में लगी है. इस बार आदिवासी कमलनाथ के साथ जुड़ने को तैयार है.


बदल सकते हैं समीकरण?
गौरतलब है कि मालवा और निमाड़ के क्षेत्र को मध्य प्रदेश में सत्ता की सीढ़ी कहा जाता है. जो पार्टी इस क्षेत्र में अधिक सीटें जीतती है उसे राज्य के चुनाव में बहुमत मिलता है. बता दें कि राज्य में मालवा और निमाड़ आदिवासी आबादी की अच्छी खासी मौजूदगी है.साथ ही इस क्षेत्र में जयस बहुत सक्रिय है, पंचायत चुनाव में उसके कई उम्मीदवार चुनाव भी जीते हैं. ऐसे में अगर विधानसभा चुनाव में जयस और कांग्रेस एक साथ आते हैं या उनके बीच किसी भी तरह का गठबंधन होता है, तो राज्य में विधानसभा चुनाव में समीकरण बदल सकते हैं.