Raisen News: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में वन विभाग की टीम को बड़ी सफलता मिली है. रातापानी अभयारण्य में पिछले 9 दिनों के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाघिन के दो शावकों को बचा लिया गया है, जो उसकी मौत के बाद बिछड़ गए थे. टीम ने वन विहार में दोनों शावकों को शिफ्ट कर दिया है. बता दें कि वन विभाग पिछले 9 दिनों से रातापानी अभयारण्य में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर शावकों की तलाश कर रहा था.


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दो नन्हें शावक पहुंचे वन विहार
वन विभाग पिछले 9 दिनों से रातापानी अभयारण्य में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर शावकों की तलाश कर रहा था. बाघिन और एक शावक की पहले ही मौत हो चुकी है. रातापानी अभयारण्य के इतिहास में पहली बार युद्धस्तर पर इतना लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए रातापानी अभयारण्य के अधिकारी और कर्मचारी दिन-रात लगे रहे. दोनों शावक स्वस्थ हैं और उन्हें वन विहार को सौंप दिया गया है. आगे की देखभाल वन विहार करेगा.


तलाश के लिए लगाए गए थे कैमरे
वन विभाग की टीम एक मई से शावकों को रेस्क्यू करने का प्रयास कर रही थी. लेकिन टीम को उनकी वास्तविक लोकेशन नहीं मिल पाई. ऐसे में वन विभाग ने उन्हें पकड़ने के लिए जंगल में कैमरे लगाए. जिसके बाद दोनों शावक मांस खाते हुए कैमरे में कैद हो गए.


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बाघ-बाघिन की मौत
गौरतलब है कि वन विभाग की टीम ने गश्त के दौरान दाहोद रेंज में दो शावकों को घूमते हुए देखा था. जब उनके मां की तलाश की गई तो बाघिन मृत पाई गई थी. डीएफओ औबेदुल्लागंज हेमंत रैकवार ने बताया कि रातापानी अभयारण्य में एक बाघिन अपने 3 शावकों के साथ घूम रही थी. इस दौरान बाघ और बाघिन के बीच लड़ाई हो गई. जिसके बाद बाघ और बाघिन दोनों की मौत हो गई. लेकिन दो छोटे शावक बच गए और जंगल में घूम रहे थे.


रिपोर्ट-राज किशोर