Surajpur में बाघ ने किया हमला, 2 की मौत, बचाव में टाइगर को मारी कुल्हाड़ी, गंभीर घायल
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर (Surajpur) जिले में बाघ के हमले में दो युवकों की मौत हो गई. बाघ के हमले (Tiger Attack) से घायल एक युवक ने तो घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया तो वहीं दूसरे घायल युवक की मौत अस्पताल में हुई. वहीं बाघ भी टांगी के वार से गंभीर रूप से घायल है.
ओपी तिवारी/ सूरजपुर: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर (Surajpur) जिले में बाघ के हमले में दो युवकों की मौत हो गई. बाघ के हमले (Tiger Attack) से घायल एक युवक ने तो घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया तो वहीं दूसरे घायल युवक की मौत अस्पताल में हुई. वहीं बाघ भी टांगी के वार से गंभीर रूप से घायल है. लिहाजा उसे बचाने की जद्दोजहद में वन विभाग जुट गया है.
दरअसल आज सुबह जंगल में लकड़ी लेने गए तीन युवकों पर हमला करने वाला टाइगर अब खुद जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है. युवकों ने अपने बचाव के लिए टांगी से वार किया था. जिससे बाघ को गंभीर चोट आई है. वन विभाग की टीम रेस्क्यू में जुटी है. तमोर पिंगला से कुमकी हाथी मंगाए गए हैं. ताकि टाइगर के पास जाया जा सके. जिसके बाद बाघ को ट्रांकुलाइज करने की कोशिश की जाएगी. जिससे उसे इलाज के लिए ले जाया जा सके. जिसके लिए कुमकी हाथी भी मौके पर पहुंच गए हैं..
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ओडगी ब्लॉक के कालामांजन के जंगल में लकड़ी लेने गए युवक और टाइगर के बीच भिड़ंत में दो युवकों की मौत हो गई है. जबकि एक अन्य का इलाज अस्पताल में जारी है. घायल युवक ने बताया कि बचाव के लिए उन लोगों ने भी टांगी से वार किया था.
ग्रामीणों ने की मांग
इधर घटना को 10 घंटे बीत जाने के बाद भी वन विभाग की रेस्क्यू टीम के नहीं पहुंचने से अब ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया. जिसके बाद उन्होंने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. ग्रामीण सड़क पर पत्थर रखकर वन विभाग के और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए और एक सदस्य को नौकरी तो वहीं घायल को 25 लाख रुपए देने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही जल्द से जल्द बाघ को वहां से हटाने की मांग कर रहे हैं.
इलाके को किया सील
दूसरी तरफ बाघ को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचने और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिहाज से पूरे इलाके को सील कर दिया गया है. क्योंकि रात हो जाने के कारण अभी रेस्क्यू करना संभव नहीं है. जिला प्रशासन और वन विभाग के मुखिया भी मौके पर मौजूद है. जबकि डीएफओ रेस्क्यू शुरू होने से बाघ को सुरक्षित स्थान तक पहुंचने तक मोनिटिंग के लिए खुद डेट रहेंगे.
बहरहाल छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में ग्रामीणों ने एक टाइगर को मार डाला था. यह घटना सितंबर 2011 में घटी थी. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने मादा टाइगर को पिटपिट कर मार डाला था. जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर लापरवाही को लेकर निंदा हुई थी. तो वहीं एनटीसीए द्वारा भी टाइगर के मूवमेंट पर नजर रखा जा रहा है.