राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: हाल ही में उज्जैन स्थित केंद्रीय भैरवगढ़ जेल (central Jail Bhairavgarh) से सामने आए. संभवतः देश के सबसे बड़े 15 करोड़ के DFP (Scam) गबन मामले में 15 दिन के अंतराल में उज्जैन (police) पुलिस व SIT टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. टीम ने बीते बुधवार को तीन आरोपियों को धर दबोचा था. वहीं अब मुख्य आरोपी रिपुदमन और तत्कालीन जेल अधीक्षक दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि मुख्य आरोपी जेल अधीक्षक रही उषा राज जिसके आईडी पासवर्ड का इस बड़े गबन में उपयोग हुआ और जेल का अकॉउंटें बाबू रिपुदमन जिसने अधीक्षक के आईडी पासवर्ड का उपयोग कर 15 करोड़ का गबन किया. बीती रात दोनों ही थाना भैरवगढ़ पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए हैं. पूरे मामले में SIT अधिकारी इंद्रजीत बाकलवाल ने कहा कि रिपुदमन को बनारस और मिर्जापुर के बीच एक गांव से व जेल अधीक्षक रही मैडम को इंदौर से गिरफ्तरा कर लिए गए हैं.


अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी
दरअसल जिनके खाते में जेल के अकॉउंटेंट मुख्य आरोपी रिपुदमन के द्वारा करोड़ो की DPF राशि ट्रांसफर की गई थी. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि वो इस राशि का ऑनलाइन सट्टे में उपयोग कर रहे थे. चुकी अब मुख्य आरोपी रिपुदमन और जेल अधीक्षक उषा राज दोनों गिरफ्त में हैं तो अधिकारियों का कहना है की जो 30 से 32 संदिग्धों को चिन्हित किया है, उसमें भी स्थिति स्पष्ट होगी और भी आरोपी बनेंगे अब तक कुल 5 गिरफ्तारी हुई है. सभी आरोपियों की चल अचल संपत्ति का रिकॉर्ड भी निगम राजस्व द्वारा खंगाला जा रहा है.


जानिए पकड़ाए आरोपियो के नाम
1.  आरोपी रोहित पिता अनिल चौरसिया निवासी देवास.
2. आरोपी रिंकू पिता गजराज सिंह निवासी उज्जैन.
3. आरोपी हरीश पिता राधेश्याम गहलोत निवासी उज्जैन.
4. रिपुदमन सिंह रघुवंशी जो अकॉउंटेंट के पद पर रहा है निवासी उज्जैन.
5. तत्कालीन जेल अधीक्षक उषा राज निवासी सागर


15 करोड़ DPF की राशि गबन
ज्ञात रहे इन सभी आरोपियों की चल अचल संपत्ति का ब्यूरो निगम व राजस्व के रिकॉर्ड में खंगाला जा रहा है. जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी वो इनके विरुद्ध आगे और भी धारा बढ़ा कर की जा सकती है. फिलहाल आरोप में गिरफ्तारी हुई है. 30 से 32 संदिग्ध भी हैं. जिन पर पुलिस व SIT की आशंका है कि सबने मिलकर जेल के 100 शासकीय कर्मियों के खाते से 15 करोड़ DPF राशि गबन की है.


जेल अधिक्षक को लेकर यह भी जानें
इस पूरे मामले में जब जेल मुख्यालय भोपाल से टीम जांच करने उज्जैन पहुंची और रिपोर्ट शासन के सामने पेश की गई थी. तब DIJ जेल ने जेल अधीक्षक उषा राज को लेकर आशंका जताई थी. वही मुख्य भूमिका में हैं. वहीं उज्जैन कलेक्टर ने भी जेल अधीक्षक को ही दोषी माना था, क्योंकि आईडी पासवर्ड जेल अधिक्षक उषा राज का इस गबन में उपयोग हुआ था. जिसके बाद जेल अधीक्षक को शासन ने जेल मुख्यालय अटैच किया था. वह हिरासत में ली गई थी और बीमार होने के बाद इंदौर इंदौर के निजी अस्पताल में उपचार रत थी. कल शुक्रवार को गिरफ्तार कर ली गई हैं.


ये भी पढ़ेंः Love Jihad In Ujjain: राहुल नाम बताकर लड़की घुमा रहा था आमिर, हिंदू संगठनों ने कर दी ये गत