उज्जैन में GRP पुलिस का कारनामा, चेकिंग के नाम पर मौलानाओं से 37,000 रुपए छीने, तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड
महाकाल की नगरी उज्जैन रेलवे स्टेशन (Ujjain railway station) पर बंगाल के 4 मुस्लिम यात्रियों के साथ पुलिस वालों ने ही ठगी कर ली. यात्रियों ने जवानों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि तीन जवानों ने उनसे करीब 37 हजार रुपये ऐंठ लिए.
राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: महाकाल की नगरी उज्जैन रेलवे स्टेशन (Ujjain railway station) पर बंगाल के 4 मुस्लिम यात्रियों के साथ पुलिस वालों ने ही ठगी कर ली. यात्रियों ने जवानों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि तीन जवानों ने उनसे करीब 37 हजार रुपये ऐंठ लिए, साथ ही उन्हें किसी भी केस में फंसाने का कहकर डराया और धमकाया. सभी यात्री उज्जैन से भोपाल लौट रहे थे. पूरा घटनाक्रम रात करीब 2 बजे का बताया जा रहा है. इस घटना के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने थाना घेर कर काफी हंगामा किया.
बता दें कि इस मामले में जीआरपी अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों आरक्षकों को सस्पेंड किया व जबरदस्ती पैसे ऐंठने की धारा में प्रकरण दर्ज कर मामले को जांच में ले लिया है. फिलहाल तीनो आरोपी फरार है.
जानिए कौन है फरयादी
गौरतलब है कि रमजान का पवित्र मार चल रहा है. ऐसे में बंगाल निवासी अब्दुल वाहीद, शेख रहमान, उमर खान और गयासुद्दीन रमजान माह के चलते अपने मदरसों के लिए चंदा इकट्ठा करने के लिए निकले हुए है जो कि 28 मार्च को इंदौर से उज्जैन पहुंचे थे. यहां मुस्लिम समाज के स्थानीय लोगों और शहर काज़ी से मिलने के बाद उन्होंने समाज जनों से व मस्जिदों से चंदा इकट्ठा किया और बुधवार रात भोपाल जाने के लिए लगभग 12:30 बजे प्लेटफार्म नंबर 4 पर पहुंचे थे. जहां आरक्षकों पर आरोप लगा कि उन्होंने यात्रियों के साथ वारदात को अंजाम दिया.
तीनों आरक्षकों ने लिए पैस
पीड़ित ने जीआरपी थाने के प्रधान आरक्षक सत्येंद्र जाट, आरक्षक धर्मेंद्र तिगुनायक और शांति लाल पर आरोप लगाया है. इन्होंने यात्रियों को रोका और तलाशी लेने के बहाने अब्दुल वाजिद के बैग में रखे 33 हज़ार रुपये निकाल लिए, साथ ही चारों पर झूठा प्रकरण दर्ज करने के लिए धमकाते हुए 4 हजार रुपये की रिश्वत भी मांगी. पुलिस की कार्रवाई से डरे हुए चारों लोगों ने उन्हें पैसे दिए और अपनी जान छुड़ाई. इस तरह कुल 37 हजार का चूना यात्रियों को लगा.
समाजजनों ने घेरा थाना, संस्पेंड
वहीं इस घटना के बाद ठगाये चारों मौलानाओं ने स्थानीय लोगों को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद रात 2 बजे मुस्लिम समाज के दर्जनों लोगों ने जीआरपी थाने का घेराव कर दिया. लगभग डेढ़ घंटे चले हंगामे के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे चेक किए. जिसमें तीनों आरोपी पुलिसकर्मी घटना करते हुए पाए गए. जीआरपी थाना पुलिस ने तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 384 और 34 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर तीनों को निलंबित कर दिया है. फिलहाल तीनों पुलिसकर्मी फरार हैं. जिनकी तलाश की जा रही है.
तत्काल हुई कार्रवाई
आपको बता दें कि प्रतिवर्ष रमजान के महीने में अन्य प्रदेशों में संचालित होने वाले मदरसों के प्रतिनिधि मध्य प्रदेश ही नहीं अलग-अलग राज्यों में अपनी संस्था के लिए चंदा इकट्ठा करने आते हैं. उज्जैन जैसे धार्मिक शहर में पुलिसकर्मियों द्वारा जबरदस्ती पैसे ऐंठने की वारदात को अंजाम देना पुलिस विभाग सहित पूरे शहर को शर्मसार करता है. लेकिन दूसरी ओर जीआरपी पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना कारित करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों से पूरी रकम जब्त कर पीड़ितों को लौटाना और अपने ही जवानों पर संवैधानिक कार्रवाई करना भी पुलिस की निष्पक्षता का एक जीता जागता उदाहरण है.