राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: शहर के महाकाल थाना क्षेत्र अंतर्गत बीती रात शिप्रा नदी किनारे विगत करीब 1 माह से आयोजित कार्तिक मेले में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब कुछ बदमाश एक युवक पर काल बन टूट पड़े और चाकू घोंप उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद से बदमाश मौके से फरार हो गए. सूचना मिलते ही क्षेत्रीय थाना महाकाल पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक युवक को पीएम के लिए जिला चिकित्सालय पहुंचाया. वहीं अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है.


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जानिए पूरा मामला
दरअसल पूरा विवाद मेले में नाव वाले झूले पर हुआ, जहां आगर निवासी मृतक दीपू की बहन के साथ कुछ बदमाशों ने छेड़छाड़ की, जिसका दीपू ने विरोध किया तो बदमाशों ने दीपू को सीने में चाकू घोंप दिया और फरार हो गए, इस पूरे मामले में जिम्मेवारों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, क्योंकि हजारों की भीड़ में मौके पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं था, जो इस विवाद को रोक सके. वहीं मौके पर लगे सीसीटीवी भी सिर्फ नाम के हैं, क्योंकि घटना के बाद सीसीटीवी खंगाले तो अधिकतर बंद ही मिले. ऐसे में आमजन की सुरक्षा को लेकर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं.


जानिए क्या कहा थाना प्रभारी ने
आपको बता दें कि मंगलवार रात 10 बजे करीब कुछ बदमाशों ने मेले में जमकर उत्पात मचाया और एक युवक की हत्या कर दी, मृतक युवक के बारे में थाना प्रभारी मुनेंद्र गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि आगर जिले की मास्टर कॉलोनी निवासी दीपू पिता लखन जादम उज्जैन के बुधवारिया क्षेत्र में रहने वाली उसकी मौसी कांताबाई के यहां जन्मदिन के आयोजन में शामिल होने आया था, रात को परिवार के 15 से 20 लोग कार्तिक मेला देखने पहुंचे. जहां पर नाव वाले झूले पर कुछ असामजिक तत्वों ने परिवार की एक युवती पर कमेट्स करते हुए छेड़छाड़ की, जिसे लेकर विवाद हुआ. परिवार के लोगों ने पुलिस को सूचना दी, कार्तिक मेला की पुलिस चौकी पर पदस्थ पुलिसकर्मी संबंधित परिवार को रिपोर्ट लिखवाने का कहकर वहां से लेकर आ गए. इस बीच दीपू वहां अकेला रह गया था, जिसे छेड़छाड़ करने वाले युवकों ने घेर लिया व उसके सीने पर चाकू से वार किया. चाकू दिल में लगा जिससे उसका हार्ट पंचर होने पर उसकी मौके पर ही मौत हो गई.



महिला सुरक्षा की बातें सिर्फ कागजी?
शहर में शिप्रा नदी किनारे प्रत्येक वर्ष कार्तिक मेले का आयोजन नगर निगम द्वारा आयोजित किया जाता है, जहां पर सुरक्षा के इंतजामों की पोल खोलने वाला घटनाक्रम मंगलवार की रात देखने को मिला, खासकर महिला सुरक्षा की बातें सिर्फ कागजी नजर आई, क्योंकि हजारों की भीड़ में ना तो कोई पुलिसकर्मी था जो उस विवाद को उस वक्त रोक सके और ना ही कोई जिम्मेवार जो तत्काल मौके पर मदद बदमाशों के बीच उस अकेले युवक तक पहुंच सके. ऐसे में उस वक्त क्या हालात रहे होंगे यह तो भगवान ही जानता है. एक बहन से छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक भाई को मौत की सजा यह कोई आम बात नहीं है. हालांकि बदमाश पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. जिनकी तलाश में पुलिस लगातार जुटी हुई है.


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