उज्जैन/राहुल सिंह राठौड़:  हाल ही में उज्जैन के महाकाल मंदिर में रणबीर-आलिया की फिल्म ब्रह्मास्त्र को लेकर विवाद हुआ था. अब मंदिर से एक नया विवाद सामने आया है, जिसके बाद मंदिर के करामचारी आपस में ही लड़ते भिड़ते नजर आ रहे हैं. बात इतनी बढ़ गई कि प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद भी कर्मचारी मानने को तैयार नहीं है. मंदिर की तमाम व्यवस्था प्रशासनिक जिम्मेवारों द्वारा देखी जाती है. मंदिर के प्रशासक के अधीन ही मंदिर के कर्मचारी, अधिकारी, पंडे और पुजारी रहते हैं और मंदिर के अध्यक्ष कलेक्टर होते हैं. इसी से जुड़ा विवाद सामने आया है.


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क्या है विवाद
महाकाल मंदिर में कार्यरत अनीता शर्मा, मनीषा चावरे, ज्योति चौहान, राजेन्द्र कौशल ने मिलकर प्रशासक गणेश धाकड़ को लिखित शिकायत की है कि मंदिर के अभिषेक भार्गव व रजनी खैर उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों के नाम पर प्रताड़ित करते हैं, जिसको गम्भीरता से लेते हुए प्रशासक ने समिति का गठन किया और दोनों को जवाब दो समिति के माध्यम से नोटिस जारी करवाया, लेकिन मामला सुलझने की जगह और उलझ गया. दोनो ने पत्र का जवाब ना देते हुए कहा कि हम कलेक्टर के अधीन हैं प्रशासक के नहीं. कलेक्टर द्वारा गठित कमेटी ही हमसे जवाब ले और रजनी खैर ने भी कलेक्टर कार्यालय में अपना पक्ष रखते हुए शिकायत कर दी.


कलेक्टर आशीष सिंह ने लिया संज्ञान 
विवाद को लेकर अब पूरे मामले में कलेक्टर आशीष सिंह ने संज्ञान लिया है और एसडीएम के निर्देशन में कमेटी गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं और कहा है कि जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. दरअसल प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ द्वारा गठित कमेटी में मंदिर के राजेन्द्र शर्मा (गुरु) को अध्यक्ष, श्री वैदिक प्रशिक्षण एंव शोध संस्था के निर्देशक पीयूष त्रिपाठी, सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी, कार्यालय अधीक्षक प्रेम उद्देनिया और जंसमपर्क अधिकारी गौरी जोशी शामिल है जिन्होंने मंदिर के डाक कर्मी सुरेश सिंह भदोरियो को नोटिस लेकर अभिषेक भार्गव व रजनी खेर के पास पहुँचाया, जिनसे डाक कर्मी को जवाब मिला कि वे किसी समिति को जवाब नही देंगे. प्रशासक कौन होते हैं, वे कलेक्टर से जुड़े है इसलिए उनके लिए समिति कलेक्टर बनाएंगे वे मंदिर समिति के सामने नही आएंगे. दोनों की दो टूक बात सुनने के बाद मामला उलझ गया और बात कलेक्टर के पास पंहुची. अब एसडीएम के निर्देशन में गठित कमेटी जांच कर रही है. 


मंदिर प्रशासक व कलेक्टर ने ये कहा 
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि दोनों को समिति ने बात रखने के लिए पत्र जारी किया था लेकिन उन्होंने अपने आप को मंदिर का कर्मचारी ना होकर कलेक्टर कार्यालय का कर्मचारी बताकर आने से मना कर दिया. वहीं जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि मेरे संज्ञान में यह पूरा मामला आया है. मैंने एसडीएम के निर्देशन में जांच टीम गठित की है जो भी दोषी पाया गया उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी, फिलहाल मामला जांच में है.


क्या कहते है मंदिर के नियम!
श्री महाकालेश्वर मंदिर के लिए शासन द्वारा निर्धारित मंदिर के अधिनियम की धारा 18(1) में स्पष्ट है कि समस्त पुजारी पंडित सेवक और कर्मचारी जो मंदिर से संबंधित है या जिन्हें मंदिर से कोई उपलब्धियां या परिलब्धियां प्राप्त होती है और समस्त अनुज्ञप्ति धारी प्रशासक के नियंत्रण के अधीन होंगे।


आरोपी ने क्या कहा 
उन्होंने कहा कि शिकायत कर्ता अनीता शर्मा, मनीषा चावरे, ज्योति चौहान, राजेन्द्र कौशल ने मंदिर के अभिषेक भार्गव व रजनी खैर अधिकारी पर उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों के नाम पर प्रताड़ित करने के जब आरोप लगाए तो हमने उनसे बात की तो जिसमें अभिषेक भार्गव व रजनी खैर ने कहा कि हमें किसी भी प्रकार का पत्र मंदिर समिति द्वारा नहीं मिला है.