राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: बाबा महाकाल की नगरी अवंतिका भगवान श्री कृष्ण की शिक्षास्थली भी रही है. पुराणों के अनुसार उज्जैन शहर के मंगलनाथ मंदिर मार्ग पर स्थित महर्षि सांदीपनी आश्रम में  श्री कृष्ण, भाई बलराम व मित्र सुदामा गुरु सांदीपनी से 64 कला व 14 विद्या प्राप्त की. इस वर्ष यहां पर भगवान का जन्मोत्सव आज रात 12 बजे भक्तों के बीच बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. बता दें कि पिछले दो साल से कोरोना के चलते भगवान और भक्त के बीच दूरी बनी हुई थी, अब पाबंदी हट चुकी है, इसलिए ये साल ऐतिहासिक होगा.


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भक्तों में दिख रहा उत्साह
सांदीपनी आश्रम को आकर्षक विद्युत से रोशन व फूलों से सुसज्जित किया गया है. भगवान के जन्मोत्सव से पहले एक अलग ही आनंद उमंग भक्तों में नजर आ रही है और बड़ी संख्या में भक्त दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं. हालांकि शहर के प्राचीन गोपाल (द्वारकाधीश) मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर व अन्य मंदिरों में 19अगस्त शुक्रवार की रात को भगवान का जन्म उत्सव मनाया जाएगा.



सांदीपनि आश्रम में आज रात 12 बजे होगा भगवान का जन्म
आश्रम के पुजारी रूपम व्यास के अनुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि अनुसार आज रात 12 बजे भगवान का जन्म होगा भगवान श्री कृष्ण का पंचामृत से विशेष पूजन अभिषेक कर आरती की जाएगी और अगले दिन शुक्रवार को नंद उत्सव के आयोजन होंगे. इस दौरान 24 घण्टे के लिए भक्त मंदिर के गर्भ गृह से भगवान के दर्शन कर सकेंगे. नंद उत्सव के दौरान भी आश्रम में विशेष पूजन अभिषेक कर महाआरती की जाएगी.


11 वर्ष की उम्र में ग्रहण की थी शिक्षा
पुजारी बताते है कि श्रीकृष्ण 11 वर्ष की उम्र में उज्जैन के ऋषि सांदिपनी के पास उनके आश्रम सांदीपनि में विद्या अध्ययन के लिए आए थे. यहां वे 64 दिन रुके जिसमें उन्होंने 64 कलाओं और 14 विद्याओं का ज्ञान प्राप्त किया, यही वजह है कि भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदिपनी आश्रम देश-विदेश के भक्तों की आस्था का खास केंद्र बना हुआ है. उज्जैन के सांदिपनी आश्रम में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव आस्था और उल्लास के साथ हर वर्ष मनाया जाता है.


प्राचीन मंदिरों में 19 अगस्त को मनाया जाएगा कृष्ण जन्माष्टमी
दरअसल महाकाल की नगरी में 18 व 19 अगस्त यह दो दिन श्री कृष्ण के जन्मोत्सव हेतु खास होंगे. बात सबसे पहले विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकालेश्वर की करें तो यहां पुजारी महेश शर्मा के अनुसार मंदिर में 19 अगस्त शुक्रवार शाम को मंदिर के नैवेद्य कक्ष में संध्या पूजन आरती के बाद भगवान लड्डू गोपाल का पूजन व श्रृंगार होगा और भोग लगाया जाएगा.


द्वारिकाधीश मंदिर में सजाई जाएगी झांकी
प्राचीन द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में भी 19 अगस्त को पर्व मनाया जाएगा जहां के पुजारी श्री राम पाठक ने बताया कि संध्या के समय पवमान पूजन होगा मां यशोदा की झांकी सजाई जाएगी, रात्रि में पट खुलेंगे और भगवान का पूजन कर विशेष आरती की जाएगी. जन्माष्टमी पर्व के बाद 23 अगस्त को ब्रज बारस के अवसर पर भगवान के दरबार में ही दोपहर 12:00 बजे मटकी फोड़ आयोजन किया जाएगा. वहीं शहर के इस्कॉन मंदिर व अन्य मंदिरों की बात करें तो यहां भी 19 अगस्त को ही जन्मोत्सव पर्व मनाया जाएगा. सिर्फ श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली में यह पर्व 18 अगस्त की रात 12:00 बजे मनाया जाना है और 19 अगस्त शुक्रवार को नंद उत्सव.


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