Women Reservation Bill: अजय दुबे/भोपाल। संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पर आज चर्चा होनी है. इससे पहले ही देश में इसे लेकर लोग अपने-अपने विचार दे रहे हैं. वहीं कुछ नेता इसे लेकर कई अन्य सुझाव भी दे रहे हैं. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ट नेता उमा भारती ने इसपर बड़ी मांग कर दी है. उमा ने इसे लेकर पीएम मोदी को एक पत्र (Uma Bharti Wrote Letter To PM Modi) भी लिखा है.


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उमा भारती ने महिला आरक्षण बिल पर ओबीसी आरक्षण की मांग रखी है. उमा भारती ने कहा कि महिला आरक्षण बिल में ओबीसी का 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान जरूरी. 50 प्रतिशत के बिना ओबीसी महिलाएं पीछे छूट जाएंगी. पिछड़ों के हक की बात हमारा अधिकार है. बिल से पिछड़ों का भरोसा टूटेगा. दिल्ली में जो हुआ, उसके लिए आज से अभियान चलेगा. एमपी में भी शिवराज सरकार से मांग करूंगी. यहां विधानसभा में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना चाहिए.


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पीएम को लिखा पत्र में 1996 का जिक्र
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महिला आरक्षण को लेकर पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक का आना, देश के महिलाओं के लिए खुशी का विषय है. यह विशेष आरक्षण 1996 में जब प्रधानमंत्री के हैसियत से देवेगौड़ाजी ने सदन में प्रस्तुत किया तब मैं ससद में मौजूद थी और मैंने तुरंत खड़े होकर इस विधेयक में संशोधन प्रस्तुत किया जिसमे आधे से ज्यादा सदन ने मेरा साथ दिया एवं देवेगौड़ा जी ने संशोधन को सहर्ष स्वीकार करते हुए विधेयक स्टैंडिंग कमेटी को सौंपने की घोषणा की.


पहले भी पेश किया था संसोधन
उमा भारती ने बताया कि सदन में बहुत हंगामा हुआ, सदन स्थगित हो गया. जैसे ही मैं सदन के गलियारे में आई, मेरे ही पार्टी के बहुत से सांसद मुझसे नाराज़ थे किंतु अटल बिहारी वाजपेयी जी जो हमारे सदन के नेता थे. उन्होंने मेरी बात को धैर्य एवं सम्मान के साथ सुना. विचारधारा के दृष्टि से घोर विरोधी होते हुए भी मुलायम सिंह यादव एवं लालू यादव, उनके पार्टी के सासद एवं हमारे गठबंधन के साथी नीतीश,  शरद, जॉर्ज फर्नांडीस सब प्रस्तुत संशोधन के पक्ष में रहे.


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जॉर्ज फर्नांडीस ने मुझे ही स्टैंडिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा किंतु उसमें मेरा भी एक पक्ष होने के कारण कामरेड गीता मुखर्जी को इसका अध्यक्ष बनाया गया. फिर आज तक यह उसी स्थिति में बना रहा. मैं आपके समक्ष भी वह संशोधन प्रस्तुत कर रही हूं. मुझे विश्वास है की उसी संशोधन के साथ आप इस विधेयक को पारित करवायेंगे.


पीछे छूट जाएंगी OBC महिलाएं
विधायिका में महिलाओं को 33% आरक्षण यह एक विशेष प्रावधान हैं. इसमें यह सुनिश्चित होना चाहिए की इसका 50% हिस्सा एसटी, एससी एवं ओबीसी महिलाओं को मिलेगा. एसटी एससी महिलाओं को संवैधानिक व्यवस्था के कारण 24% शायद आरक्षण मिल भी जायेगा किंतु ओबीसी महिलायें पीछे छूट जाएंगी.


पंचायती राज, स्थानीय निकाय में पिछड़ी जाती के महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण का प्रावधान है. साथ ही मण्डल कमीशन के द्वारा चिह्नित मुस्लिम समुदाय की पिछड़ी जाति की महिलाओं को भी इसमें शामिल होना चाहिए. यदि इस विशेष प्रावधान के बगैर यह विधेयक पारित हो रहा है तो पिछड़े वर्गों की महिलाएं इस विशेष अवसर से वंचित हो रही है.


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प्रधानमंत्री से की अपील
प्रधानमंत्री से उमा भारती ने कहा कि जब आप हमारे नेता हो गये तो सभी दलित, पिछड़े, आदिवासी एवं अभावग्रस्त लोगों के आप मसीहा हो गये. जब तक मैं आपके साथ 5 साल कैबिनेट में रही और जब भी महिला आरक्षण का मुद्दा उठा तो आपको याद होगा तब मेरा यही प्रयास रहा की इसको बहुत ही संतुलित विचार के साथ एवं समयता के साथ ही प्रस्तुत होना चाहिये, अब में संसद में नहीं हूं. लेकिन, मुझे एवं देश के पिछड़े, दलित एवं आदिवासी वर्गों को भरोसा हैं की हमारी सरकार इस को समग्रता के साथ ही संसद में प्रस्तुत करेगी.