अरुण त्रिपाठी/उमरिया: बांधवगढ़ में मवेशी चराने गए दादा-पोते पर बाघ ने हमला कर दिया.जिसके बाद पोते ने जमीन पर लेटे मरने का नाटक कर अपनी जान बचाई.हालांकि दादाजी बाघ के हमले से घायल हो गया. बता दें कि इस हमले के बाद पार्क प्रबंधन ने घायल दादा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है और उसका उपचार जारी है.


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घटना पार्क के धमोखर बफर सीमा से लगे रायपुर बीट की 
दरअसल उमरिया जिले के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ टाइगर रिजर्व (The world famous Bandhavgarh Tiger Reserve of Umaria district) में बाघ के हमले से एक युवक द्वारा होशियारी पूर्वक खुद को बचाने का अनोखा मामला सामने आया है. घटना पार्क के धमोखर बफर सीमा (dhamokhar buffer limit) से लगे रायपुर बीट के पीएफ 172 टेनहाई हार जंगल की है.जहां शुक्रवार को पार्क की सीमा से लगे ग्राम सकरिया निवासी दादा रतन रैदास और पोता दीपचंद मवेशी चराने जंगल गए थे. 


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घटना में दादा रतन को गंभीर चोट आई हैं
वहीं एक मादा बाघ ने दोनों पर हमला कर दिया.बता दें कि बाघिन दादा रतन के ऊपर पहले झपटी, फिर पोते दीपचंद की ओर दौड़ी.जिसे देखकर दीपचंद ने होशियारी दिखाते हुए जमीन में लेटकर मरने का नाटक किया. जिसके बाद बाघिन पोते दीपचंद को छोड़कर दोबारा दादा रतन की ओर दौड़ी,लेकिन इसी बीच दोनों को समय मिला और वे जंगल से भागकर सड़क में आ गए और बाघिन जंगल की ओर चली गई. हालांकि इस घटना में दादा रतन को गंभीर चोट आई हैं.घटना की जानकारी के बाद पार्क की टीम मौके पर पंहुची और घायल रतन को लेकर जिला अस्पताल पंहुची है जहां उसका इलाज किया जा रहा है.