Umaria Missing Child Met Parents With Help of Aadhaar Card: मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में आधार कार्ड की मदद से एक बिछड़ा हुआ बच्चा कई सालों बाद अपने मां-बाप से मिल गया. फिंगर प्रिंट की मदद से चार साल पूर्व घर से लापता बच्चा आखिरकार अपने परिजनों से मिल पाया. 11 वर्षीय किशोर ऋषभ जो मूक बधिर है और वो 2019 में लापता हो गया था.अब चार साल बाद अपने परिवार को वापस मिला. बता दें कि ये सब उस आधार कार्ड से हुआ. जिसे माता पिता ने अपने घर के चिराग का बनाया था और आज वहीं आधार कार्ड से उनके चेहरे में मुस्कान वापस लौट आई है.


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ऋषभ हुआ था लापता
दरअसल, उमरिया जिले के पथरहटा गांव से 11 साल का ऋषभ लापता हुआ था. ऋषभ कुछ माह बाद सतना स्टेशन में मिला,लेकिन मूक बधिर ऋषभ कुछ बोल पाता और न ही लिख पाता था. जिसके चलते सतना जीआरपी पुलिस ने जांच पड़ताल की, लेकिन किशोर का कुछ पता नहीं चला. फिर ऋषभ को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया और रीवा भेज दिया गया था. वहीं से एक साल बाद ऋषभ को इंदौर शिफ्ट कर दिया गया. 


परिजन ने छोड़ दी थी उम्मीद 
वहीं ऋषभ के परिजन उमरिया कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई थीं और अपने स्तर पर हर जगह तलाश की मगर कोई सुराग नहीं मिला. यहां तक कि परिजन हताश होकर घर के चिराग के मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन अचानक एक फोन ने उनकी उम्मीद को जिंदा कर दिया. 15 दिन के इंतजार के बाद घर का चिराग उन्हें मिल गया.ये सब फिंगरप्रिंट की मदद से हुया. बता दें कि ऋषभ जब 7 साल का था. तब परिजनों ने ऋषभ का आधार कार्ड बनवाया था ,कंप्यूटर मेमोरी में ऋषभ का फिंगर प्रिंट सेव था.



 


बता दें कि इंदौर में ऋषभ का बाल कल्याण समिति ने आधार कार्ड बनाने की कोशिश की, मगर फिंगर प्रिंट एक्सेप्ट नहीं हो रहा था. फिर अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर जब फिंगर प्रिंट का मिलान किया गया तो किशोर ऋषभ का फिंगर प्रिंट 7 साल पहले आधार कार्ड से मिलान हुआ. नाम पता और पिता का नाम की जानकारी हुई. जब आधारकार्ड में लिखे मोबाइल नम्बर पर संपर्क किया गया, तब इस बात का खुलासा हुआ कि चार साल पहले ऋषभ गुम हो चुका था. जिसके बाद कानूनी कार्रवाई के बाद ऋषभ को उसके परिजनों को सौंप दिया गया. 


ऋषभ परिजनों को देख खिलखिला उठा 
परिजनों को देख ऋषभ भी खिलखिला उठा और परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े, सतना बाल कल्याण समिति ने एक कार्यक्रम आयोजित कर ऋषभ को परिजनों को सौंप कर दिया. ऋषभ के परिजनों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने टीम को साधुवाद दिया. वहीं बाल कल्याण समिति के सदस्य भी भी बहुत खुश नजर आए और एक मूक बधिर किशोर को उसके परिजनों को सौंप गर्व महसूस कर रहे हैं.


रिपोर्ट : संजय लोहानी (सतना)