उमरिया में जिला पंचायत अध्यक्ष की अनरिजर्व थी सीट, फिर भी जीत गई रिजर्व कोटे की महिला
मध्य प्रदेश के उमरिया जिला पंचायत में अध्यक्ष का पद अनारक्षित महिला के लिए रिजर्व होने के बावजूद आरक्षित वर्ग से ही अध्यक्ष निर्वाचित होने पर मोहर लग गई है. सामान्य वर्ग से जिला पंचायत अध्यक्ष की दौड़ में कोई प्रत्याशी नहीं पहुंचा है.
अरुण त्रिपाठी/उमरिया: एमपी में उमरिया जिला पंचायत अध्यक्ष का पद इस बार के लिए अनारक्षित महिला के लिए रिजर्व किया गया था लेकिन जिला पंचायत सदस्यों के आये नतीजों ने बड़ा उलटफेर हो गया जिसके अनुसार अब जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर आरक्षित वर्ग की महिला ही विराजमान हो पाएगी. सामान्य वर्ग की अनारक्षित सीटों से लड़ रही महिला प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है और उन वार्डों से आरक्षित वर्ग की महिलाओं ने जीत हासिल की है लिहाजा अब जिला पंचायत में आरक्षित वर्ग की महिला ही अध्यक्ष बन पाएगी.
जिला पंचायत के वार्ड एक से दस में कौन जीता
जिला पंचायत उमरिया के वार्ड 1 से विजयी ओमनारायण सिंह को कांग्रेस पार्टी अपना समर्थित मानती है. वहीं वार्ड 2 से सावित्री मौजीलाल चौधरी भाजपा, वार्ड 3 से विजयी अनुजा पटेल निर्दलीय चार से सावित्री सिंह धुर्वे कांग्रेस, 5 से केशव वर्मा बसपा, 6 से मनोहर मरावी कांग्रेस, 7 से ओमकार सिंह कांग्रेस, 8 से मीना कैलाश सिंह भाजपा, 09 से बेला अर्जुन सिंह भाजपा एवं वार्ड क्रमांक 10 से हेमनाथ बैगा कांग्रेस पार्टी से संबंध रखने वाले विजयी प्रत्याशी हैं. इस तरह कांग्रेस-5 भाजपा-3-बसपा-1 एवं निर्दलीय 1 हैं.
किसी भी पार्टी का नहीं कोई अधिकृत उम्मीदवार
जिला पंचायत सदस्य उमरिया के चुनाव में किसी भी पार्टी ने अपना अधिकृत प्रत्याशी मैदान में नही उतारा था और न ही चुनाव पूर्व कोई राजनीतिक पार्टियों से अधिकृत उम्मीदवारों की कोई सूची जारी की थी. लेकिन जारी नतीजों को देखा जाए तो भाजपा के 03 कांग्रेस के 05 बसपा से 01 एवं 01 निर्दलयीय प्रत्याशी सदस्य का चुनाव जीत चुके हैं.
सभापति मनोनयन को लेकर सरगर्मियां तेज
प्रत्याशियों के जीतने के बाद राजनीतिक पार्टियों के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं समितियों के सभापति मनोनयन को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. कांग्रेस पार्टी पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं चार बार से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत चुकी सावित्री सिंह को अध्यक्ष पद का अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर सकती है तो भाजपा में बेला अर्जुन सिंह एवं सावित्री मौजीलाल चौधरी में से किसी नाम पर मोहर लग सकती है. हालांकि किसका नाम फाइनल होगा, यह पार्टी संगठन तय करेगा.
बता दें पंचायत चुनाव के लिए प्रदेश में तीन चरणों में मतदान कराए गए थे. इसमें पहले चरण की वोटिंग 25 जून, दूसरे चरण की वोटिंग 1 जुलाई और अखिरी यानी तीसरे चरण की मतदान 8 जुलाई को कराए गए थे. वोटिंग के तुरंत बाद ही काउंटिंग हो गई थी, लेकिन इसके आधिकारिक परिणाम अब घोषित किए हैं. इन परिणामों के आने के बाद अध्यक्ष के चुनाव के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं.
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