नई दिल्ली/राहुल मिश्रा: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होना चाहिए. इसके लिए प्रदेश में कमेटी बनाई जाएगी.  इसी मुद्दे पर कांग्रेस से राजसभा सांसद विवेक तंखा से बात की तो उनका कहना हैं कि ये कोई नई बात नहीं है. यह स्टेट की ड्यूटी होनी चाहिए. इसमें कोई दो राय नहीं है. 


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विवेक तन्खा ने कहा कि यह बात आज से नहीं सालों से चल रही है कि सिविल कोर्ट को किस तरीके से कमेंट किया जाए. सीआरपीसी कॉमन है, सीपीसी कॉमन है. क्रिमिनल कोर्ट का मन है. ऐसा नहीं है कि कम्युनलिटी के तरफ कोई काम नहीं हुआ है. यह काम बहुत पहले से हो चुका है. अब कुछ छुटे से रह गए हैं. जैसे मैरिज के हैं डिवोर्स के हैं, एडॉप्शन के हैं और मेट्रोमोनी के हैं. यह कुछ एरिया है जो अलग-अलग रिलीजन के अलग-अलग कोड है.


एमपी में लागू होगी समान नागरिक संहिता? सीएम शिवराज ने दिया बड़ा बयान


ऑल इंडिया सब्जेक्ट
सुप्रीम कोर्ट में भी मैटर गया तो डिस्पोज ऑफ इसलिए किया कि हम यह नहीं कर सकते यह केवल पार्लियामेंट कर सकता है और यह भी शेयर किया गया कि पार्लियामेंट कर सकता है, स्टेट नहीं कर सकता. यह ऑल इंडिया सब्जेक्ट है. 


सीएम को जानकारी नहीं 
जब पार्लियामेंट में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का रिप्लाई आ चुका है. जब सुप्रीम कोर्ट के सामने गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का हलफनामा जा चुका है कि हम लॉ कमीशन के रिपोर्ट के आधार पर करेंगे और लॉ कमीशन ने भी एक प्रिलिमनरी रिपोर्ट दे दी है. इसमें शायद हमारे मुख्यमंत्री जी को इन सभी चीजों के बारे में जानकारी नहीं होगी. अगर वह महाधिवक्ता से बात करेंगे या अटॉर्नी जनरल से बात करेंगे तो उनको जानकारी मिल जाएगी. यह केवल पार्लियामेंट कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा है कि हम पार्लियामेंट के ही थ्रू करेंगे.