महेंद्र दुबे/दमोह: एमपी (MP News) में विधानसभा चुनाव (MP Election) से पहले से शुरू हुई सियासत के बाद अब सत्ताधारी पार्टी भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं है. पार्टी के कद्दावर नेता और केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने सरकार से नाराजगी बताते हुए पुलिस के खिलाफ जमकर हमला बोला है और इतना ही नहीं मंत्री पटेल ने अपने संसदीय क्षेत्र दमोह की पुलिस की सेवाएं लेने से इनकार कर दिया है. साथ पुलिस को उनके बंगले और आयोजनों में न आने ही हिदायत दी है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

CG News: राहुल गांधी को मणिपुर में रोके जाने पर बोले सीएम बघेल- केंद्र सरकार उनसे डरती है


जानिए पूरा मामला?
दरअसल, मंत्री पटेल की नाराजगी की वजह उनके कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर फर्जी मुकदमे दर्ज करना बताया जा रहा है. बीते दिनों शहर के एक राशन डीलर युवा विक्की रोहित ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी, विक्की के पास से एक सुडाइड नोट मिला था और इसमें भाजपा नेता यशपाल ठाकुर मोंटी रैकवार सहित दो अन्य लोगों के नामों का उल्लेख था और उन्हें जिम्मेदार बताया गया था.


मिली जानकारी के मुताबिक, ये भाजपा नेता मंत्री पटेल के करीबी नेता हैं और इसे लेकर निष्पक्ष जांच के लिए कहा गया था, लेकिन पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ जांच के पहले ही मुकदमा दर्ज कर लिया और लोग आंदोलित हैं. आज बड़ी संख्या में लोग मंत्री पटेल के दमोह निवास पहुंचे तो पटेल नाराज हो गए और  पुलिस की कार्रवाई पर उन्होंने आपत्ति जताई, केंद्रीय मंत्री पटेल के मुताबिक पुलिस ने जल्दबाजी में ये कदम उठाया है और नियमगत तरीके से सुसाइड नोट की राइटिंग एक्सपर्ट से जांच की जानी चाहिए और जांच के बाद मुकदमा कायम होना चाहिए. उन्होंने इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से भी की है.


पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच नहीं की: प्रहलाद पटेल
मीडिया से चर्चा के दौरान  प्रहलाद पटेल ने कहा , 'यशपाल ठाकुर मेरे प्रतिनिधि हैं. वह सम्मानित जन प्रतिनिधि हैं, लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच नहीं की, इसलिए मैं इस कार्यप्रणाली के खिलाफ पुलिस अधीक्षक और दमोह पुलिस से असंतुष्ट हूं. इस मामले में मैंने पहले भी कहा था कि मृतक और उसके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. इस मामले की गहनता से जांच होनी चाहिए. हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से सुसाइड नोट की जांच करानी चाहिए, लेकिन जो लोग इस तरह के झूठे मुकदमे दायर कर अपने मंसूबों में कामयाब होना चाहते हैं, वे कान खोलकर सुन लें कि उनकी प्लानिंग पूरी नहीं होंगी.”


केंद्रीय मंत्री ने आगे ये भी कहा, "मैं दमोह पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ हूं, मैं पुलिस अधीक्षक के खिलाफ हूं. यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है. यशपाल मेरे लिए काम करते हैं, जिम्मेदार जनप्रतिनिधि हैं, मैं हर कीमत पर उनके साथ हूं और भी लोग हैं जिनके नाम हैं. मेरा भी उसमें नाम है तो मेरे ऊपर भी केस होना चाहिए. मैंने कहा था कि इसकी बारीकी से जांच होनी चाहिए. कोई सेवा नहीं लूंगा. मेरे गार्ड को छोड़कर किसी भी पुलिस कर्मी की मैं सेवा नहीं लूंगा.