Diwali Celebration in Crematorium: दिवाली की शाम हर ओर आतिशबाजी हो रही होती है. कहीं सन्नाटा छाया हुआ होता है तो वो है शमशान घाट. लेकिन मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक ऐसा शमशान घाट भी हैं, जहां दिवाली धूमधाम से मनाई जाती है. शमशान घाट में चारों तरफ आतिशबाजी, रंग बिरंगी रंगोली, जगमगाते दिए होते हैं.


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चिताएं नहीं जलते हैं दीए
श्मशान वो जगह है जहां हम सभी ने लोगों को अपनों के खोने के गम में रोते हुए ही देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कोई श्मशान में खुशियां मनाए. हां, ये सच है. एमपी केरतलाम में एक श्मशान ऐसा है जहां लोग खुशियां मनाते हैं. इस श्मशान पर कई सालों से दीपावली मनाने की रिवायत चली आ रही है.


जानें पूरी कहानी
दरसल दीपावली के एक दिन पहले जिसे नरक चौदस कहा जाता है. इस दिन श्मशान में चारों तरफ दिए जलाए जाते हैं. आतिश बाजी होती है. बच्चे-बूढ़े, जवान हों या महिलाएं सभी यहां दीपावली पर खुशियां मनाते हैं. लोगों की मानें तो शुरुआत में कुछ लोग इस आयोजन से जुड़े लेकिन अब कई ज्यादा लोग मिलकर अपने परिवार के साथ यहां आते हैं और श्मशान मे दीपावली मनाते हैं.


श्मशान पर दीपावली मनाने की शुरुआत बहुत समय पहले की गई थी. उस वक्त इक्का दुक्का परिवार के लोग शमशान आते थे लेकिन अब बड़ी संख्या में लोग शमशान इस तरह अपने पूर्वजों के साथ दीवाली मनाने पहुंचने लगे हैं.


इसके पीछे का मकसद पूर्वजों के साथ या जो दुनिया से चले गये उनके साथ दीपावली की खुशियां बांटना है. बताया जाता है कि यहां दीपावली के दिन पूर्व यम चौदस का महत्व है. यही वजह है कि यहां के लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्मशान में दीप जलाते हैं.


इस साल दीपावली का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा. हर साल दिवाली का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस बार 12 नवंबर को दोपहर 02:44 बजे से लेकर 13 नवंबर को दोपहर 02:56 बजे तक अमावस्या तिथि रहेगी. 


इनपुट- रतलाम से चंद्रशेखर सोलंकी की रिपोर्ट, ZEE मीडिया