Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की किल्लत के बीच जनता को एक और बड़ा झटका लगा है. बस और ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल का असर अब लोगों की जेब ढीली करने वाला है. इस हड़ताल के चलते एकदम से फल और सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. मध्य प्रदेश के कई जिलों में सब्जियां अचानक तिगुने दाम में बेची जा रही हैं. 


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महंगी हुई सब्जियां 
ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल के कारण सब्जी मंडियों तक सब्जियां नहीं पहुंच रही हैं. रोजाना अलग-अलग जिलों और राज्यों से ताजा सब्जियां और फल लेकर पहुंचने वाले ट्रकों के पहिए थमे हुए हैं. ऐसे में सब्जियों की सही मात्रा में सप्लाई नहीं होने से दाम बढ़ गए हैं. 20 से 30 रुपए किलो बिकने वाले मटर की कीमत अब 50 से 60 रुपए किलो हो गई है. 300 से 400 रुपए प्रति कैरेट बिकने वाला टमाटर 1000 से 1200 रुपए प्रति कैरट हो गया है. इसी तरह फलों के दाम भी बढ़ गए हैं. 


और महंगी होगी सब्जियां
विदिशा सब्जी मंडी के पूर्व अध्यक्ष सचिन ने बताया कि जो हड़ताल चल रही है उससे सब्जियों के रेट में डबल से भी ज्यादा अंतर आया है. कल मिर्ची बिकी थी 30 रुपए किलो आज 60 से 80 रुपए है. सोमवार को टमाटर ढाई सौ रुपए की एक कैरेट बिकी थी, वह आज 650 रुपए की हो गई है. गिलकी 20 रुपए किलो बिक रही थी, आज 40 रुपए किलो है. अगर ऐसे ही हड़ताल जारी रही तो मिर्ची 120 रुपए किलो और टमाटर 100 रुपए किलो बिकेगा. इसका जल्द से जल्द निराकरण नहीं किया गया तो पब्लिक को बहुत परेशानी होगी. 


प्रदेश भर में ड्राइवरों का विरोध
 पूरे प्रदेश में ट्रक और कहीं-कहीं बस ड्राइवर भी नए रोड एक्सीडेंट कानून के विरोध में हड़ताल पर हैं. ऐसे में ट्रक और बसों के पहिए थमे हुए हैं, जिस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.


क्या है नया रोड एक्सीडेंट कानून
हाल ही में लोकसभा में हिट एंड रन रोड एक्सीडेंट केसों को लेकर सख्त और नया रोड एक्सीडेंट कानून पास हुआ है. यानी अब कोई रोड पर एक्सीडेंट करके भागा को उसकी खैर नहीं. अब तक अक्सर लोग रोड पर एक्सीडेंट के बाद भाग जाते थे. अब ऐसा करने पर आरोपी को 10 साल की सजा भुगतनी पड़ेगी. इसके अलावा  7 लाख तक अर्थठंड भी जमा करना पड़ सकता है. इसके अलावा जिससे गलती से एक्सीडेंट हो गया है वह घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी. 


अब तक क्या थे प्रावधान
अब तक IPC की धारा 104 के तहत सड़क दुर्घटना के दौरान दोषी पाए जाने पर 2 साल की कैद या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान था. इसे अब और सख्त कर दिया गया है. फिलहाल इसे लोकसभा से मंजूरी मिल गई है. जल्द ही इसे राज्यसभा में पटल पर रखा जाएगा. इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही ये कानून बन जाएगा.