Vishwakarma Puja 2023: हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का काफी ज्यादा महत्व है. पूरे देश भर में भगवान विश्वकर्मा की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है. इस दौरान लोग घर पर मांगलिक कार्यक्रम भी करते हैं. इस सृष्टि के रचयिता ब्रम्हा जी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा भगवान के जन्मदिवस के दिन यह जयंती मनाई जाती है. ये जयंती 17 सितंबर को मनाई जाएगी.  माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा इस सृष्टि के पहले वास्तुकार, शिल्पकार और इंजीनियर थे जिन्होंने इस सृष्टि को सजाने और संवारने का काम किया था. आइए जानते हैं कि विश्वकर्मा पूजा का इस बार शुभ मुहूर्त कब है और इसका महत्व क्या है. 


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शुभ मुहूर्त
इस साल विश्वकर्मा पूजा पर दो शुभ योग बन रहा है. वैदिक पंचांग के अनुसार पहला शुभ मुहूर्त 17 सितंबर को सुबह 7 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर दोपर 12 बजकर 5 मिनट तक है. इस मुहूर्त में आप विधि विधान से भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर सकते हैं. अगर किसी कारण वश आप पूजा नहीं कर पा रहे हैं तो आपको घबराने की जरुरत नहीं है. क्योंकि दूसरा मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 59 मिनट से दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. इस दौरान लोग अपने वाहन फैक्ट्री और घर के औजारों की विधिवत पूजा कर सकते हैं. 


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पूजा विधि
विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह अपने घर और कारखाने में लगे मशीन-वाहन की धुलाई करें. इसके बाद स्नान करने के पश्चात भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.  इसके बाद भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करते हुए मशीनों और वाहनों की पूजा करें. 


इस दौरान भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हुए उनकी प्रतिमा पर अक्षत, फुल, रोड़ी, मिष्ठान्न आदि चढ़ाएं. इसके बाद मशीनों और वाहनों में कलावे बांधे. मान्यता है कि जो लोग इस दिन घर में रखे मशीनों की पूजा करते हैं वो जल्दी खराब नहीं होते हैं. भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से बिजनेस और आय में काफी ज्यादा बढ़ोत्तरी होती है. 


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विश्वकर्मा पूजा महत्व
विश्वकर्मा पूजा प्रथम वास्तुकार, शिल्पकार और इंजीनियर माना गया है. ऐसे में इस दिन लोग अपने कारखानों में लगे औजारों-मशीनों की पूजा करते हैं. इस दिन वाहनों की भी पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग विश्वकर्मा पूजा के दिन विधि विधान से पूजा करते हैं पूरे वर्ष उनके वाहन, मशीनें कभी खराब नहीं होते हैं.


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