Mood Swings In Women: मूड स्विंग की समस्या लगभग हर व्यक्ति को होती है. लेकिन महिलाओं में इसकी समस्या ज्यादा देखने को मिलती है. अचानक और बिना किसी वजह से मूड खराब होना ही मूड स्विंग कहलाता है. मूड स्विंग का मतलब थोड़े समय के लिए बदलाव होना होता है. ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है. ये शरीर में हार्मोन्स के बदलाव की वजह से होता है. आइए जानते हैं मूड स्विंग होने की वजह और इसे दूर करने के उपाय.


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जानें मूड स्विंग होने की वजह
मूड स्विंग की समस्या किसी के साथ भी हो सकता है. महिलाओं की बात करें तो मासिक धर्म यानी पीरियड्स (Menstrual cycle) गर्भावस्था (Pregnancy) औऱ मीनोपॉज (Menopause) के दौरान उन्हें मूड स्विंग होता है. रिपोर्ट के मुताबिक 90% महिलाओं को पीरियड्स के पहले  प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम की वजह से मूड स्विंग होता है. ये स्थिति पीरियड्स शुरू होने के 1 हफ्ते पहले होती है, जिस वजह से महिलाएं चिड़चिड़ापन और अवसाद की शिकार हो जाती हैं.


गर्भावस्था के दौरान
गर्भावस्था के दौरान भी महिलाओं को मूड स्विंग होता है. गर्भावस्था के 1 हफ्ते पहले ये समस्या शुरू हो जाती है. इसके अलावा महिलाओं मीनोपॉज के समय या पेरिमेनोपॉज के दौरान भी मूड स्विंग होता है.


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मूड स्विंग को कंट्रोल करने के उपाय


  1. मूड स्विंग एक आम समस्या है, इसलिए इसे रोका नहीं जा सकता है. ऐसे में जब आपको महसूस हो कि आप इस समस्या से ग्रसित है तो खुद को समझाएं कि इसमें आपकी कोई गलती नहीं है. मुझे खुद पर कंट्रोल करना है.

  2. मूड स्विंग्स को कंट्रोल करने के लिए आप योग या मेडिटेशन का सहारा भी ले सकते हैं. ऐसा करने से आप इस समस्या से बच सकते हैं.

  3. ज्यादा मात्रा में अल्कोहल और धूम्रपान का सेवन करने से भी मूड स्विंग हो सकता है, इसलिए डॉक्टर धूम्रपान से दूर रहने की सलाह देते है.

  4. मूड स्विंग से बचने के लिए नींद पूरी जरूर करें. क्योंकि नींद पूरी नहीं होने की वजह से चिड़चिड़ापन और लो फील होता है जिससे मूड स्विंग होता है.

  5. यदि आप चाहते है कि आपको मूड स्विंग न हो तो इसके लिए आप चिंता करना छोड़ दें.