WION के रिपोर्टर अनस मलिक के साथ काबुल में क्रूरता, तालिबानी सरकार के 1 साल पूरा होने पर कर रहे थे कवरेज
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION के संवाददाता का काबुल में अपहरण करने के बाद क्रूरता की बात सामने आई थी. वह काबुल में तालिबानी सरकार के एक साल पूरा होने का कवरेज कर रहे थे. अब वह सुरक्षित हैं.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के एक साल पूरे होने पर कवरेज कर रहे WION के संवाददाता अनस मलिक के साथ बहुत बुरा बर्ताब हुआ था. अब वह काबुल में पूरी तरह से सेफ हैं.
तालिबानी लोगों ने कर दिया था हमला
दरअसल, WION के संवाददाता अनस मलिक और उनकी टीम को कार से घसीटकर बाहर निकाला गया था और तालिबानी लोगों ने उनपर हमला कर दिया था. वह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रिपोर्टिंग कर रहे थे. अनस बुधवार शाम को काबुल पहुंचे थे और उसके एक दिन बाद वह अफगानिस्तान में तालिबान शासन के एक साल के अपने व्यापक कवरेज के लिए सामान्य शॉट ले रहे थे.
हाल ही में अमेरिका ने की थी ड्रोन स्ट्राइक
आपको बता दें हाल ही में अमेरिका ने अफगानिस्तान में ड्रोन स्ट्राइक की थी. जिसमें अकलायदा चीफ अल ज़वाहिरी के मारे जाने की खबर सामने आई थी. जिसके बाद गुरुवार को तालिबान ने कहा था कि उन्हें अफगानिस्तान में जवाहिरी की मौजूदगी के बारे में पता नहीं है, साथ ही कहा कि यह फैक्ट है कि अमेरिका ने हमारे क्षेत्र पर आक्रमण किया और सभी अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन किया. तालिबान ने कहा था कि अगर फिर ऐसा होता है तो इसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा.
लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि तालिबान को काबुल में चैनल की जमीनी रिपोर्टिंग किए जाने से खतरा है. इसी कारण उसने सभी जमीनी हकीकत को छिपाने के लिए रिपोर्टिंग कर रहे WION के रिपोर्टर अनस मलिक का अपहरण किया जब वह सभी आवश्यक अनुमतियों के साथ रिपोर्टिंग कर रहे थे.
मारपीट के बाद किया गया हमला
अनस ने बताया, "हमें कवरेज की हर तरह से मान्यता प्राप्त थी. हमारे पास सभी प्रेस क्रेडेंशियल थे और सामान्य दृश्यों को कवर कर रहे थे. इसके बाद भी हमें पकड़ा गया, कार से बाहर निकाला गया और कार से बाहर निकालकर घसीटा गया. हमारे फोन ले लिए गए थे. उसके बाद हमारे साथ मारपीट की गई. हमारी टीम पर भी हमला किया गया.
अनस ने बताई आपबीती
अनस ने बताया, "कुछ समय बाद हमें उस स्थान से स्थानांतरित कर दिया गया जहां से हमें पता चला कि वह अफगानिस्तान में तालिबान की खुफिया इकाई है. हमें हथकड़ी पहनाई गई, आंखों पर पट्टी बांधी गई और बेतहाशा आरोपों की बौछार कर दी. हमारी पत्रकारिता की साख पर भी पूरी तरह से पूछताछ की गई. कई पर्सनल सवाल भी हमसे किए गए.
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