`मेगा मर्जर`: अनिल सिंघवी और वल्लभ भंसाली से समझिए ZEEL-SONY विलय के क्या हैं मायने? शेयरहोल्डर क्या करें?
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (SNPI) के बीच मर्जर का ऐलान हो चुका है. मर्जर से पूरे कॉरपोरेट जगत में हलचल है. शेयर बाजार (Stock Market) ने डील का स्वागत किया है.
ZEEL-Sony picture network India mega merger: ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (SNPI) के बीच मर्जर का ऐलान हो चुका है. मर्जर से पूरे कॉरपोरेट जगत में हलचल है. शेयर बाजार (Stock Market) ने डील का स्वागत किया है. शेयरहोल्डर्स को भी डील से अच्छे संकेत दिखाई दे रहे हैं. आने वाले दिनों में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की बड़ी कंपनी साबित होगी. मेगा मर्जर पर बाजार के दिग्गजों ने भी अपनी राय शेयर की है. ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी (Anil Singhvi) के साथ बाजार के एक्सपर्ट और एनाम सिक्योरिटीज के चेयरमैन वल्लभ भंसाली (Vallabh Bhansali) ने भी इंडस्ट्री में इतना बड़ा मर्जर कई मायनों में अहम है.
मीडिया का सबसे बड़ा मर्जर
वल्लभ भंसाली ने कहा है कि मेगा मर्जर में दो बड़े एंटरप्राइजेज साथ में आ रहे हैं. एंटरप्राइजिंग बहुत बड़ी चीज होती है. किस तरह दोनों कंपनियों ने ग्राउंड लेवल पर जाकर, कंपटीशन को देखते हुए अपनी जगह बनाई है. मीडिया इंडस्ट्री में देश के अंदर सबसे बड़ा मर्जर हो रहा है. जिस तरह अमेरिका में वॉल्ट डिजनी और स्टार का मर्जर हुआ. उस तरह का ही मर्जर ये देश में हो रहा है. मर्जर का ट्रेंड है कि जैसे-जैसे इकोनॉमी मैच्योर होती है, कंज्यूमर मार्केट डेवलप होता है, तो कंसोलिडेशन देखने को मिलता है.
क्या मिलेंगे मर्जर के फायदे?
भंसाली के मुताबिक, मीडिया के अंदर इस तरह का मर्जर काफी कॉम्पलिकेटेड होता है. क्योंकि, मीडिया जोनर बेस होता है, पर्सनाल्टी बेस होता है. अपनी-अपनी ऑडियंस होते हैं. ये दो कंपनियों ने एक दूसरे को काफी समय से देखा है. सोनी पिक्चर्स के अंदर काफी कुछ अच्छा था. लेकिन, फिर पोटेंशियल के हिसाब से उतना नहीं पकड़ पाए थे. ज़ी टीवी के अपने चैलेंजेज थे. ये मर्जर न केवल साइज के हिसाब हो रहा है बल्कि कॉम्पलिमेंट्री के हिसाब से बहुत ही अच्छा मर्जर है. दो एंटरप्राइजिंग कल्चर साथ आने से उसके अंदर ज्यादा उम्मीद दिखती है. दोनों के पास अच्छा अनुभव है. ग्रोथ के लिहाज से बिजनेस चलाने की क्षमता और इच्छा दोनों हैं.
क्या मिलेंगे मर्जर के फायदे?
भंसाली के मुताबिक, मेगा मर्जर से एडवर्टाइजर को जो फायदा मिलेगा, उसमें बड़ा नेटवर्क मिलेगा, जिसमें रिजनल, वर्नाकुलर, स्पोर्ट्स हैं, जो ज़ी टीवी की लैंगवेज की कैपेबिलिटी है, उससे एडवर्टाइजर के लिए एक पावरफुल और अच्छा प्लेटफॉर्म तैयार हो जाएगा. सोनी की स्पोर्ट्स और ह्यूमर में जो पकड़ है. ज़ी टीवी की फैमिली एंटरटेमेंट की पकड़ है. कई रिजनल चैनल की पकड़ है, उससे मर्जर के लिहाज से फायदे वाली चीज होती है. ऑपरेटिंग कॉस्ट काफी कम हो जाएगी. रिजनल ऑफिस रखने होते हैं. वो भी बड़ा फायदा होने वाला है. दोनों कंपनियों को हर लेवल पर फायदा.
शेयरहोल्डर्स के लिए क्या है?
भंसाली के मुताबिक, माइनॉरिटी (छोटे) शेयरहोल्डर के लिहाज से बल्ले-बल्ले है. शेयर में 20 फीसदी का उछाल देखने को मिल ही चुका है. लोग अंदाज लगा ही रहे है कि ज़ी एंटरटेनमेंट का शेयर प्राइस अपने बुते पर क्या था और मर्जर के बाद अब क्या हो जाएगा. आगे क्या होगा अभी कहना जल्दबाजी होगी. लेकिन, छोटे शेयरहोल्डर के लिहाज से Win Win सिचुएशन है. क्योंकि, बोर्ड का एक्सपेंशन होगा. बोर्ड में प्रोफेशनलिज्म और एंटरप्राइजेज का बैलेंस होगा. साइज और बिजनेस कैरेक्टर के हिसाब से छोटे शेयरहोल्डर विनर होंगे. शेयरहोल्डर को ये देखना चाहिए कि उनके पास अब पुराने ज़ी एंटरटेनमेंट के ही शेयर होल्ड नहीं होंगे. बल्कि विदेशी कंपनी का हिस्सा होंगे. एक बड़ी MNC का हिस्सा होंगे.
पुनीत गोयनका को MD, CEO रखना पूरी तरह लॉजिकल
भंसाली ने कहा पुनीत गोयनका इंडस्ट्री के अंदर बेस्ट मैनेजर रहे हैं. उन्हें इंडस्ट्री में वेरी-वेरी हाई रेटेड किया जाता है. ये काफी सरप्राइज मूव था कि उन्हें बोर्ड से हटने के लिए कहा जा रहा था. हालांकि, इसके अपने कारण होते होंगे. लेकिन, फैमिली की शेयरहोल्डिंग कम होने पर भी पुनीत बने रहे, ये कोई आश्चर्य नहीं हैं. मार्केट के अंदर पुनीत की पोजिशन अच्छी रही. दोनों कंपनियों के अंदर एंटरप्राइजिंग कल्चर है और ऐसे कल्चर में पुनीत का चुना जाना बिल्कुल लॉजिकल लगता है. पुनीत को जो भी मिलता वो उसे बेहतर चलाना जानता है. शेयर होल्डर्स की नजर से भी अच्छा मूव है. इंस्टीट्यूटशनल शेयरहोल्डर्स भी अब देख रहे हैं कि पुनीत के पास अनुभव और इस बिजनेस का माइंडसेट है.
ZEEL की हिस्सेदारी बढ़ाने सोनी के लिए फायदेमंद
मेगा मर्जर में 47 फीसदी ज़ी एंटरटेनमेंट के पास रहेगी. सोनी के पास करीब 53 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी. प्रोमोटर्स के पास भी अपनी हिस्सेदारी को 4 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का एक रूम रहेगा. भंसाली के मुताबिक, इस फैमिली ने इस बिजनेस को बहुत अच्छे से समझा है. उनकी वैल्यू सोनी की नजर में कितनी है. सोनी ने भी फैमिली बिजनेस को बहुत अच्छे से देखा है. सोनी किसी को फेवर नहीं करता. सोनी ये देख रहा है कि ज़ी फैमिली का इसमें होना कितना फायदेमंद है. कंपनी के पास ग्लोबल एक्सपीरियंस है. एंटरटेनमेंट का बिजनेस काफी मुश्किल है. लेकिन, सोनी इस बात को समझता है. एंटरप्राइजिंग कल्चर होना काफी अहम है. इसलिए ज़ी फैमिली को सोनी ने अपने फायदे के लिए जोड़ा रखा है. इतने लंबे समय से ज़ी ने एंटरटेनमेंट ने अच्छी परफॉर्मेंस दी है. बाकी सबके बिजनेस ऊपर-नीचे होते रहे. लेकिन, ज़ी एंटरटेनमेंट ने लगातार ग्रोथ दिखाई है.
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