राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो अपने एक आर्टिफिशियल बेस्ट ऐप व मशहूर कलाकार ऋतिक रोशन के माध्यम से विशेष प्रचार को लेकर एक बार फिर विवादों से घिर गई है. कंपनी ने महाकाल बाबा का नाम का उपयोग किया और एक विज्ञापन चलाया. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद कंपनी ने माफी मांग ली है. एड आने के बाद अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी महेश शर्मा ने सबसे पहले आपत्ति जताई थी.


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क्या है विज्ञापन विवाद
जोमैटो ने एक विज्ञापन बनाया, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन महाकाल की थाली ऑर्डर करते हैं और कहते हैं थाली खाने का मन था, महाकाल से मंगा लिया. विज्ञापन में जोमैटो ने कहा कि 'भूख लगे तो कॉल करो, 5 मिनट में महाकाल की थाली आएगी'.



माफी नामें में कंपनी ने क्या कहा
विवाद बढ़ने के बाद जोमैटो ने माफी मांग ली है और विज्ञापन को हटा लिया है. कंपनी की ओर से सफाई दी गयी और कहा गया, हम उज्जैन के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं. विज्ञापन को बंद कर दिया गया है. कंपनी ने कहा, विज्ञापन के माध्यम से हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. मैं विज्ञापन के लिए माफी मांगता हूं.


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ट्वीटर हैडल पर लेटर जारी


जोमैटो ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैडल पर लेटर जारी कर बताया कि उज्जैन के पिन कोड अनुसार चलने वाले ऋतिक रोशन-स्टारर विज्ञापन ने 'महाकाल रेस्तरां' में 'थालिस' को संदर्भित किया, न कि श्रद्धेय श्री महाकालेश्वर मंदिर को. महाकाल रेस्तरां उज्जैन में हमारे उच्च-आदेश-वॉल्यूम रेस्तरां भागीदारों में से एक हैं और थाली इसके मेनू पर एक अनुशंसित वस्तु है.


वीडियो एक अखिल भारतीय अभियान का हिस्सा है, जिसके लिए हमने प्रत्येक शहर में लोकप्रियता के आधार पर शीर्ष स्थानीय रेस्तरां और उनके शीर्ष व्यंजनों की पहचान की है. महाकाल रेस्तरां ( 'महाकाल' के रूप में सरलीकृत ) उज्जैन में अभियान के लिए चुने गए रेस्तरां में से एक था. हम उज्जैन के लोगों की भावनाओं का गहरा सम्मान करते हैं.


बायकॉट जोमैटो करने लगा था ट्रेंड
पुजारी की आपत्ति लेते ही सोशल मीडिया पर बायकॉट जोमैटो ट्रेंडिंग करने लगा था. 24 घंटे के अंदर ही कंपनी ने लेटर जारी कर कहा हम उज्जैन के लोगों की भावनाओं का गहरा सम्मान करते हैं. अब विचाराधीन विज्ञापन नहीं चल रहा है उसे हटा लिया है. हम तहेदिल से माफी मांगते हैं, क्योंकि यहां इरादा किसी की आस्था और भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था.


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जानिए क्या था ये पूरा मामला
दरसअल ये पूरा मामला उज्जैन के तमाम ऐसे ढाबे रेस्टोरेंट से जुड़ा हुआ था जिनका नाम महाकाल के नाम पर है. कंपनी एक आर्टिफिशियल बेस्ट ऐप के माध्यम से उन सभी ढाबे और रेस्टोरेंट्स जो महाकाल के नाम से है. वहां से फूड डिलीवरी का प्रचार कर लोगों को आकर्षित करना चाहती थी. चुकी नाम महाकाल से जुड़ा हुआ है, इसलिए महाकाल मंदिर व अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने आपत्ति जताई. जब हमने रेस्टोरेंट्स संचालको से इस संबंध में बात की थी तो उन्होंने कहा कि यह हमारे द्वारा बनवाया गया कोई ऐड नहीं है. यह कंपनी के द्वारा ही तैयार किया गया एक प्रचार है जो क्षेत्रीय लोकेशन के हिसाब से लोगों को कोई भी वीडियो देखने से पहले या बीच में नजर आता है. इस प्रकार के वीडियो हर जिले में और हर क्षेत्र में उसकी लोकेशन पर आधारित हैं.