इंदौर: मध्यप्रदेश के जेल विभाग की अपनी मातहत महिला अधिकारी को 3,762 रुपये का होटल बिल भरने को मजबूर करने के जुर्म में यहां विशेष अदालत ने एक पूर्व अधिकारी को बुधवार को चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी.  मुजरिम पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. विशेष न्यायाधीश जे. पी. सिंह ने सरकारी पद के दुरुपयोग के मामले में प्रदेश के तत्कालीन उप सचिव दशरथ कुमार को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की सम्बद्ध धाराओं के तहत दोषी करार दिया. विशेष लोक अभियोजक जी. पी. घाटिया ने मीडिया को बताया कि कुमार सरकारी सेवा से पिछले साल ही सेवानिवृत्त हुए हैं. 


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उन्होंने बताया कि जब कुमार राज्य के जेल विभाग के उप सचिव थे, तब वह अपने सरकारी दौरे के तहत इंदौर आकर आठ अगस्त 2014 से नौ अगस्त 2014 तक शहर के एक निजी होटल में ठहरे थे.  उन्हीं के निर्देश पर जेल विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने इस होटल में उनके ठहरने का इंतजाम किया था. 


घाटिया ने बताया कि अपना सरकारी दौरा खत्म होते ही कुमार होटल का 3,762 रुपये का बिल चुकाये बिना चले गये थे.  बाद में स्थानीय जेल की तत्कालीन अधीक्षक शैफाली तिवारी को यह बिल मजबूरन अपनी जेब से भरना पड़ा था. महिला अधिकारी ने अपने विभाग के आला अफसर के खिलाफ पद के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज करायी थी.


  हालांकि, लोकायुक्त पुलिस द्वारा इस शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर आरोपों की जांच शुरू की जाती, इससे पहले ही तिवारी का तबादला इंदौर से सतना कर दिया गया था. बाद में जांच के आधार पर कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की सम्बद्ध धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.