इरशाद हिंदुस्तानी/बैतूल: प्याज की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का ही नही बल्कि ढाबों और होटलों  में आने वाले ग्राहकों का भी जायका बिगाड़ दिया है. इस बिगड़े जायके के साथ ही गृहणियों का बजट तो बिगड़ा ही है. होटलों का हिसाब किताब भी गड़बड़ा गया है. इसका नजारा बैतूल में देखने को मिल रहा है. जहां होटलों में बुरा न मानो, प्याज न मांगो जैसी तख्तियां लगाकर दुकानदार ग्राहकों से सलाद में प्याज न मांगने की मिन्नत कर रहे हैं. होटलों में बजट इतना गड़बड़ाया हुआ है कि अब सलाद में प्याज की जगह मूली और ककड़ी परोसी जा रही है. प्याज मांगने वालों के लिए अब ढाबे वालों ने अपनी दुकानों में पम्पलेट चिपका दिए हैं, जिसमें लिखा है प्याज ना मांगो पर बुरा ना मानो.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


ढाबा संचालक मोहन अदनानी का कहना है कि ग्राहक खाने के साथ सलाद में प्याज मांगते हैं, लेकिन प्याज ना परोस पाने के कारण उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो रही है, पर इस महंगाई में क्या कर सकते हैं. इसलिए उन्होंने अपने ढाबे में प्याज नही मांगने वाले पम्पलेट लगवा दिए है. कुछ दुकानदार तो इसलिए परेशान हैं, कि खाना खाने आने वाला ग्राहक कई बार प्याज खाने की जिद कर डालता है. भोजनालय चलाने वाले अजाबराव झरबड़े के मुताबिक झगड़े से बचने के लिए उन्हें मजबूरी में प्याज परोसना ही पड़ता है. इधर बीते दो महीने के भीतर ही बैतूल में प्याज के दाम 50 रुपए किलो से 100 और 120 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं. जिससे शहर के सभी खाने पीने की दुकानों से प्याज गायब हो रही है. 


बता दें कि इस साल हुई ज्यादा बारिश के चलते प्रदेश और महाराष्ट्र में प्याज की फसल 70 प्रतिशत से ज्यादा खराब हो चुकी है, जिसके कारण ही प्याज के दाम पूरे देश में ही बढ़े हुए हैं. मार्केट में आ रहे नए प्याज के बावजूद अगले एक महीने और इसके नीचे उतरने की उम्मीद नही है. प्याज बेचने वाले भी बढ़ी कीमतों से तंग हैं क्योंकि इससे बढ़े दामों के कारण उनकी ग्राहकी पर खासा असर पड़ा है.