देश का पांचवा धाम बालाजीपुरम, अब बनेगा वेद शिक्षा का केंद्र, मंदिर के संस्थापक ने सौंपी करोड़ों की संपत्ति

बैतूल के इस अनूठे हस्तांतरण में बालाजीपुम मंदिर के संस्थापक ने कांची कामकोटि मठ को मंदिर की चाबियां सौंपी है.

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रविवार को स्वर्ण कुंजी हस्तातरण हुआ

रविवार हुए 'स्वर्ण कुंजी हस्तातरण' में बालाजीपुरम समेत उससे जुड़ी करोड़ों की संपत्ति सौंपी गई. जिसका संचालन अब शंकराचार्य द्वारा स्थापित गुरुपीठ द्वारा किया जाएगा. मंदिर को पूरे मालिकाना हक के साथ सौंपा गया है. जो अपने आप में एक अनूठा हस्तांतरण है.

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संपत्ति बालाजी भक्तों की, उनके परिवार की नहीं

बालाजीपुरम के संस्थापक सेम वर्मा, जिनकी उम्र इस वक्त 80 साल हो चुकी है. वह बालाजी भक्तों के इस मंदिर को अपने परिवार की संपत्ति नहीं बनाना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने बालाजीपुरम संचालन के ट्रस्टी पद से इस्तीफा दिया हैं, अब उनके परिवार या उनसे जुड़े कोई भी सदस्य मंदिर के ट्रस्टी नहीं रहेंगे. उनके परिवार और समस्त ट्रस्टियों ने अपनी खुशी से मंदिर के संचालन से हटने का निर्णय लिया है.

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सेम वर्मा इस वक्त अमेरिका में रह रहे हैं

उन्होंने कहा कि बालाजीपुरम की संपूर्ण संपत्तियों पर अब पूर्णतः कांची कोमकोटि मठ का ही मालिकाना हक होगा. इसके साथ ही बालाजीपुरम के समस्त बैंक अकाउंट, फिक्स डिपॉजिट आदी सबकुछ मठ के अंतर्गत ही आएंगे. वह और उनका परिवार सामान्य भक्त की ही तरह बालाजीपुरम से जुड़े रहेंगे.

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दिसंबर में प्रस्ताव लेकर गए थे कामकोटि मठ

ट्रस्टी ने बताया कि बालाजीपुरम के निर्माण के समय से ही कांची कामकोटि मठ को ट्रस्ट ने सर्वोच्च निर्णायक का स्थान दिया है और अब धाम का संपूर्ण संचालन भी इस मठ को ही सौंपा गया. उन्होंने बताया कि वह पिछले साल दिसंबर में मठ के पास प्रस्ताव लेकर गए थे. जिसे मठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने सहर्ष स्वीकार किया था. अब इस धाम के संचालन के लिए नए ट्रस्टियों की नियुक्ति की जा रही है.

 

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