भोपाल: भोपाल की अदालत ने प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के तीन सदस्यों को अवैध गतिविधियां संचालित करने और अवैधानिक कार्यों में शामिल होने के आरोप में शनिवार को दोषी करार देते हुए सात साल कारावास और 10,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.


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जिला अभियोजन कार्यालय भोपाल के मीडिया सेल प्रभारी योगेश तिवारी ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रकाश डामोर ने सिमी संगठन के तीन आरोपियों कमरुदीन नागौरी, हाफिज हुसैन और सफदर नागौरी को अवैध गतिविधियां संचालित करने और सिमी सदस्य के रूप में उक्त संगठन के लिए अवैधानिक कार्यों में शामिल होने के आरोप में सम्बद्ध धाराओं में दोषी करार देते हुए सात साल कारावास और प्रत्येक के लिए 10,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.


उन्होंने बताया कि भोपाल के पुलिस थाना कोतवाली में दर्ज मामले के अनुसार सिमी संगठन के इन आरोपियों ने अपनी वास्तिविक पहचान छुपाते हुए प्रतिबंधित संगठन सिमी की अवैध गतिविधियां संचालित की एवं सिमी के सदस्‍य के रूप में उक्‍त संगठन के अवैधानिक कार्यों में शामिल हुए. आरोपियों के पास से सिमी की सील लगी हुई किताबें एवं अन्‍य संबंधित दस्‍तावेज जब्‍त किए गए जिनकी पहचान पत्रों एवं फोटो आदि द्वारा असली नाम की पहचान की गई.


तिवारी ने बताया कि इस मामले में शासन की ओर से सशक्‍त पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी नीतू जैन द्वारा की गई.