`लव जेहाद` के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई शिवराज सरकार, राज्यपाल की मुहर के बाद होगा लागू
कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इस अध्यादेश को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अध्यादेश पर मुहर लगाने के बाद इसे राजपत्र में प्रकाशित कर दिया जाएगा और `मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020`` राज्य में लागू हो जाएगा.
भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार 'लव जेहाद' और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई है. मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में ''मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020'' अध्यादेश को मंजूरी मिल गई. इससे पहले 26 दिसंबर को कैबिनेट ने बिल को मंजूरी दी थी, लेकिन 28 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के स्थगित होने के कारण अब सरकार इस कानून को अध्यादेश के जरिए लागू कर रही है.
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कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इस अध्यादेश को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अध्यादेश पर मुहर लगाने के बाद इसे राजपत्र में प्रकाशित कर दिया जाएगा और 'मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020'' राज्य में लागू हो जाएगा. हालांकि इस अधिनियम को अध्यादेश लागू होने से 6 महीने के अंदर विधानसभा से पास कराना होगा.
मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 में निहित प्रावधान निम्न हैं...
1. प्रलोभन, धमकी, कपट, षड़यंत्र से या धर्म छिपाकर विवाह किया तो विवाह शून्य होगा.
2. कानून के प्रावधानों के विरुद्ध धर्म परिवर्तन किए जाने पर कम से कम 1 साल और अधिकतम 5 साल का कारावास होगा.
3. कानून के प्रावधानों के खिलाफ महिला, नाबालिग, SC-ST के धर्म परिवर्तन किए जाने पर कम से कम 2 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना.
4. अपना धर्म छिपाकर कानून के प्रावधानों के खिलाफ धर्म परिवर्तन करने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा व ₹50000 जुर्माने का प्रावधान.
5. दो या दो से अधिक लोगों का एक ही समय में धर्म परिवर्तन पर कम से कम 5 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और कम से कम 1 लाख रुपए के अर्थदंड का प्रावधान.
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6. एक से अधिक बार कानून का उल्लंघन पर 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान.
7. कानून के दायरे में आने के बाद विवाह शून्य घोषित करने का प्रावधान.
8. पैतृक धर्म में वापसी को धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा.
9. धर्म परिवर्तन करने पर परिजन की शिकायत को कानून में किया गया है जरूरी
10. इस अधिनियम में दर्ज अपराध संज्ञेय और गैरजमानती होगा। सेशन कोर्ट में होगी सुनवाई.
11. सब इंस्पेक्टर से नीचे का पुलिस कर्मी इस कानून के तहत दर्ज मामले की जांच नहीं करेगा.
12. निर्दोष होने के सबूत पेश करने की बाध्यता अभियुक्त पर रखी गयी है.
13. परिवार न्यायालय में होगा विवाह शून्य करने का फैसला.
14. अपराध में पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण हासिल करने का अधिकार होगा.
15. पैदा हुए बच्चे को अपने पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में दावा करने की स्वतंत्रता होगी.
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16. अधिनियम के तहत दर्ज मामले में धर्म परिवर्तन कराने वाली संस्थाएं और लोग भी आरोपी के बराबर कार्यवाही के दायरे में आएंगे। ऐसी संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा.
17. धर्म परिवर्तन कराने के पहले कलेक्टर को 2 महीने पहले सूचना देना होगा जरूरी। सूचना नहीं देने पर 3 से 5 साल तक की सजा और ₹50000 जुर्माने का प्रावधान.
18. मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 के लागू हो जाने के बाद 1968 का मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम खत्म माना जाएगा.
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