भोपालः लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले पड़े आयकर छापों के मामले में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes)की रिपोर्ट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह शक के घेरे में आए अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करे.


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सीबीडीटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के कई करीबियों समेत कांग्रेस के कई तत्कालीन मंत्रियों, आईएएस और आईपीएस अफसरों के नाम दिए गए हैं. इन पर  2019 के लोकसभा चुनाव में काले धन का इस्तेमाल करने का आरोप है. चुनाव आयोग की ओर से कार्रवाई के लिए शासन को जो लिस्ट भेजी गई है उसमें सीनियर आईपीएस अफसर सुशोभन बैनर्जी, संजय माने, बी मधुकुमार व राज्य सेवा के अरुण मिश्रा के नाम शामिल हैं.



''कमलनाथ सरकार ने बाल विकास विभाग में पोषण आहार घोटाला किया’’
मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने विश्वास सारंग ने कहा है कि चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 4 अफसरों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होना चाहिए. सारंग का आरोप है कि कमलनाथ सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग में पोषण आहार का घोटाला किया है. इसकी रकम दिल्ली में बैठे कांग्रेस के बड़े नेताओं को भेजी गई.



''कांग्रेस के बड़े बच्चे की भूख मिटाने के लिए गरीब बच्चों का निवाला छीना''
शिवराज के मंत्री ने कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने की कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़े. जिस सरकार को सुशासन देने था, उसने चपरासी से लेकर मंत्रालय स्तर तक भ्रष्टाचार किया. कमलनाथ ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में कांग्रेस के बड़े बच्चे की भूख मिटाने के लिए गरीब बच्चों के मुंह से निवाला छीनकर पोषण आहार का करोड़ों रुपया हवाला के माध्यम से दिल्ली भेजा. भ्रष्टाचार कर पैसे का दुरुपयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.


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