भोपालः महिलाओं के मुद्दे पर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने आ गई हैं. दरअसल हाल ही में राज्य में घरेलू हिंसा के कई मामले सामने आए हैं. जिसके बाद सीएम शिवराज ने घरेलू हिंसा के खिलाफ कानून बनाने की बात कही थी. जिस पर अब कांग्रेस ने एतराज जताया है. वहीं कांग्रेस के एतराज जताने पर बीजेपी ने उसे महिला विरोधी करार दे दिया है. 


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कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने अपने बयान में कहा है कि घरेलू हिंसा के खिलाफ अलग से कानून बनाने की जरूरत नहीं है. प्रदेश में रेप, हत्या, छेड़छाड़ को रोकने में सरकार नाकाम रही है. इसलिए ध्यान भटकाने के लिए जुमलेबाजी कर रही है. कांग्रेस नेता ने कहा कि लॉक डाउन के साइड इफेक्ट के रूप में घरेलू हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. 


बीजेपी ने कांग्रेस को कहा- महिला विरोधी
कांग्रेस नेता के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. भाजपा नेता और प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने कांग्रेस को महिला विरोधी बता दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार कानून बना रही है तो कांग्रेसियों के पेट में दर्द क्यों है. कांग्रेसी ही घरेलू हिंसा जैसी घटनाओं के पीछे है इसलिए कानून बनाने से डर रहे हैं.


सरकार ने क्यों कही थी कानून बनाने की बात
मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों में घरेलू हिंसा की बर्बर घटनाएं सामने आई हैं. जिनमें तीन महिलाओं के हाथ पैर काटे जाने का मामला सामने आया है. इन घटनाओं को सीएम शिवराज ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घरेलू हिंसा के खिलाफ नया कानून बनाने की बात कही थी. 


सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि "प्रदेश में पिछले 15 दिनों में तीन ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं. जिसने मुझे झकझोर दिया है. तीन बहनों के हाथ काटने का जघन्यतम अपराध उनके पतियों ने किया है. अगर कोई और हमला करे तो यह अपराध है लेकिन पति हाथ काटे तो यह विश्वास की हत्या है." सीएम ने घरेलू हिंसा के खिलाफ प्रदेश में जन जागरण अभियान भी चलाने की बात कही है. 


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