रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल में स्थित आयुष्मान भवन में प्रत्येक गुरुवार को सवेरे 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक किन्नर समुदाय के मरीजों के लिए ओपीडी का संचालन किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्हें मुफ्त ऑपरेशन की भी सुविधा दी जा रही है. राज्य के सभी जिलों में समाज कल्याण विभाग की ओर से सर्वेक्षण किया गया है और अब तक इस समुदाय के लगभग तीन हजार लोगों की पहचान कर सर्वे प्रपत्र भरवाया जा चुका है. इनमें से 338 लोगों को पहचान पत्र भी जारी किए जा चुके हैं.


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छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में निवास कर रहे किन्नर समुदाय के लोगों को सामाजिक-आर्थिक विकास की मुख्य धारा से जोड़ने और उनके लिए शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, आवास, स्वास्थ्य सुविधा, कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार, राशनकार्ड की बेहतर व्यवस्था करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. 


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समाज कल्याण सचिव सोनमणि बोरा ने कहा कि किन्नर समुदाय को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने और इस समुदाय के प्रति सरकार के सभी विभागों को अधिक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेजों के दाखिले के आवेदन फार्मो सहित सरकारी योजनाओं के आवेदन फार्मो में भी पुरुष, महिला के साथ-साथ एक कॉलम किन्नर का भी होना चाहिए, ताकि उन्हें भी चिन्हांकित कर शासकीय सुविधाओं और योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके. 


राज्य में प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार किन्नर समुदाय के लोगों की संख्या लगभग तीन हजार है. प्रदेश भर में किन्नर समुदाय के लोगों की पहचान और उनके लिए कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा सभी जिलों में जिला स्तर पर कलेक्टर अथवा अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है. 


इस सिलसिले में मंत्रालय (महानदी भवन) में समाज कल्याण विभाग के सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता में सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. समीक्षा बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव डॉ. एम. गीता, समाज कल्याण विभाग के संचालक डॉ. संजय अलंग, संचालक नगरीय प्रशासन निरंजन दास और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.