चन्द्रशेखर सोलंकी/रतलाम: 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण रतलाम में भी देखा गया. रात से ही मंदिर का पट बंद कर दिए गये थे. गुरुवार को दोपहर ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिर के पट खोले गए. भगवान को स्नान करवाकर मंदिर को धोया गया. जहां एक और विज्ञान की पहुंच ग्रहण की सीधी तस्वीरें लेने और ग्रहण को देखने तक जा पहुंची हैं. वहीं, ग्रहण को लेकर कुछ अंधविश्वास आज भी लोगों में व्यापत है. ग्रहण के दौरान कुछ लोग अंधविश्वास के चलते घरों से बाहर भी नहीं निकले. ऐसे लोगों का मानना था कि ग्रहण के दौरान बाहर रहने से गलत असर पड़ता है.


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ग्रहण के दौरान सड़कें सूनी दिखाई दीं. कई व्यवसाइयों ने अपनी दुकानें-संस्थान भी ग्रहण के बाद खोले. ज्योतिषाचार्य इस ग्रहण को लेकर अध्यात्म की दृष्टि से बड़ा महत्व बताते हुए दावा करते हैं कि ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना अंधविश्वास है. बल्कि सूर्य ग्रहण के समय स्नान कर सूर्य नारायण की पूजा का विशेष महत्व होता है. जिससे नेत्र ज्योति बढ़ती है. इसके लिए पूजन के समय ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र जापकर सूर्य को अर्घ्य दें, जिससे कई बीमारियों से भी लाभ मिलता है.