आर.बी सिंह परमार / टीकमगढ़: इंसान अगर कुछ ठान ले तो वह असंभव कार्य को भी संभव कर सकता है. इस बात की जीती जागती मिसाल हैं टीकमगढ़ के एक बुजुर्ग दंपति, जिन्होंने बंजर जमीन पर पत्थरों का सीना चीरते हुए पहले कुआं बनाया और फिर उस बंजर जमीन पर फसल लहरा दी. स्थानीय लोग भी बुजुर्ग दंपति की हिम्मत को सलाम कर रहे हैं. 


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क्या है मामला
टीकमगढ़ जिले के बड़ागांव धसान नामक गांव में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति ने महानगरों में जाकर कई साल बंधुआ मजदूरी की. वहां भरण-पोषण ना होते देख यह दंपति वापस गांव लौट आए और अपनी बंजर जमीन पर ही खेती करने का संकल्प लिया. 


बंजर जमीन पर खेती करने के लिए सबसे बड़ी समस्या पानी की थी. ऐसे में दंपति ने सबसे पहले पथरीली जमीन को खोदकर कुआं बनाया. जब कुआं बन गया तो बुजुर्ग दंपति ने जमीन पर खेती शुरू की. काफी मुश्किलों के बाद आखिरकार दंपति का मेहनत सफल हुई और आज ना सिर्फ बंजर जमीन पर फसल लहरा रही है बल्कि हरा-भरा बगीचा भी लगा दिया है. दंपति की इस मेहनत से गांव के लोग भी हैरान हैं और दंपति की मेहनत को सलाम कर रहे हैं. 


जो लोग सरकारी मदद की आस में बैठे रहते हैं. उन लोगों के लिए इस दंपति ने बड़ी सीख दी है कि अगर वह ठान लें तो वह कुछ भी कर सकते हैं.