भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 4 युवतियों को 5-5 साल की सजा सुनाई है. मामला 8 साल पुराना है जिसमें छात्रा अनिता शर्मा ने रैंगिग से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी. कोर्ट के फैसले के बाद चारों दोषी लड़कियों निधि, दीप्ति, कृति और देवांशी को जेल भेज दिया गया है.


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2013 में की थी छात्रा ने आत्महत्या
मामला 2013 का है. आरकडीएफ कॉलेज में बी.फार्मा की छात्रा अनीता शर्मा ने रैंगिग से परेशान होकर आत्महत्या की थी. अनीता ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट भी लिखा था. जिसमें आरोपी युवतियों के नाम भी लिखते हुए लिखा कि "मैं अनीता शर्मा बी-फार्मा सेकंड ईयर की छात्रा हूं. जब से मैं कॉलेज आई हूं, तभी से मेरे साथ रैगिंग हो रही है. चारों लड़कियां बहुत गंदी हैं.


देशभर में हुआ चर्चित
अनीता शर्मा के खुदकुशी करने के बाद यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बना था. करीब 8 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है. वहीं, इस मामले में सबूत नहीं मिलने पर कोर्ट ने मनीष नामक शिक्षक को रिहा कर दिया है.


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रैगिंग के मामले में एमपी दूसरे पायदन पर
यूजीसी की एंटी रैंगिग हेल्पलाइन के आंकड़ों में मध्यप्रदेश दूसरे पायदन पर है. साल 2019 में मध्यप्रदेश में रैंगिग की 132 शिकायतें दर्ज हुई थीं. जो काफी चिंताजनक है. उम्मीद करते है कि भोपाल जिला अदालत का यह फैसला भविष्य में कॉलेजों में होने वाली रैंगिग की घटनाओं के लिए एक उदाहरण बनेगा.


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