तेज गति से वाहन चलाना पड़ेगा भारी, इस तकनीक से ट्रैफिक पुलिस एक किलोमीटर दूर से ही ट्रैक कर सकेगी स्पीड
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार द्वारा निरंतर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. पीटीआरआई पुलिस को 42 लेजर स्पीड गन वितरित की गई हैं.
प्रमोद शर्मा/भोपाल: आए दिन सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाएं भारत के लिये एक महत्त्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है. ओवर स्पीड को लेकर आये दिन नए नए तरीके अपनाएं जाते है. वहीं मध्यप्रदेश में हर साल ओवर स्पीड से हजारों लोगों की जान जाती है. भोपाल में ओवर स्पीड में वाहन चलाने वालों को सबक सिखाने के लिए पुलिस हेडक्वार्टर से नया तरीका इजात किया है. PTRI (Police Training and Research Institute) ने नया दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए नया प्रयोग किया है. यानी कि साफ है ओवर स्पीड में वाहन चलाने वालों की अब खैर नहीं है.
क्या है नया प्रयोग
वाहनों की ओवर स्पीड से होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने PTRI का नया प्रयोग सामने आया है.
लेजर स्पीड गन एक किलोमीटर दूर से वाहनों को ट्रैक करेगी.
अब लेजर स्पीड गन एक किलोमीटर की दूरी से वाहनों की स्पीड ट्रैक सकेगी.
ओवर स्पीड वाहनों को लेजर गन दूर से ही ट्रैक करके बताएगी स्पीड.
प्रदेश में 42 लेजर स्पीड गन जिलों का यातायात पुलिस आरटीओ बल अपनी चेकिंग में प्रयोग करेगा.
आधुनिक टेक्नोलॉजी से दूर होगी समस्या
पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के ADG डी.सी. सागर ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार द्वारा निरंतर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. पीटीआरआई पुलिस को 42 लेजर स्पीड गन वितरित की गई हैं. "लेजर स्पीड गन से सड़कों पर निर्धारित गति से अधिक तेज गति से चलने वाले वाहनों की गति को आधुनिक टेक्नोलॉजी से दूर से ही पढ़ा जा सकेगा. उस डेटा का दर्ज किया जा सकेगा. साथ ही आधे किलोमीटर से यह दूरी और गति दोनों नाप सकता है. इस प्रकार निर्धारित गति से अधिक तेज गति से चलने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध चालान की कार्रवाई की जा सकेगी.
मौत के आंकड़े
ओवर स्पीड वाहन चलाने से हुई मौतों के आंकड़े
ADG डीसी सागर के अनुसार 2019 में देश की संपूर्ण सड़क दुर्घटनाओं में ओवर स्पीड के चलते सड़क दुर्घटनाओं का प्रतिशत 71.1 % है. जबकि मध्य प्रदेश में 2019 में ओवर स्पीड से 40066 सड़क हादसे हुए जिनके 9341 लोगो की जान ओवर स्पीड वाहन चलाने से गयी.
लेजर मशीन चेकिंग टीम की करेगी मदद
ADG डीसी सागर ने कहा कि अबतक चेकिंग टीम के पास ओवर स्पीड नापने की ज्यादा आधुनिक तकनीक नहीं थी. इसी के मद्देनजर लोग नियम को तोड़ कर ओवर स्पीड वाहन चलाते थे. यातायात टीम को ओवर स्पीड का पता लगाने में कई वार मुश्किल होती थी और इस आधुनिक तकनीक से लेस लेजर स्पीड गन राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कों पर गति सीमा का उल्लंघन कर वाहन चलाने वालों के विरूद्ध सम्मुचित वैधानिक कार्रवाई सफलता मिलेगी.
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