बच्चों के लिए अलग बजट लाने जा रहा यह राज्य, 20 हजार करोड़ करेगा खर्च
मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ के पहले चाइल्ड बजट के लिए वित्त विभाग ने बड़े स्तर पर तैयारी भी शुरू कर दी हैं. इसके आधार पर नए सिरे से सभी विभागों की योजनाएं तैयार की जाएंगी, जिससे एक जैसी कई योजनाएं न हों और जो भी योजना बने.
रायपुरः छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इस बार प्रदेश का पहला चाइल्ड बजट लाने जा रही है. जानकारी के मुताबिक चाइल्ड बजट करीब 20 हजार करोड़ का होगा. जिसमें 0 से 14 साल तक प्रदेश के 68 लाख से ज्यादा बच्चों को केंद्र में रखकर कई योजनाएं बनाई जाएंगी. खास बात यह है कि इससे पहले केवल देश के चार राज्यों में ही अब तक चाइल्ड बजट लागू किया गया है. इनमें केरल, असम, बिहार और कर्नाटक शामिल हैं.
बच्चों के कम्पलीट विकास के लिए लाया जा रहा यह बजट
प्रदेश सरकार में मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम, शिक्षा, आदिम जाति कल्याण, स्वास्थ्य और पंचायत विभाग 0 से 14 साल तक के बच्चों के लिए योजनाएं चलाते हैं. इन सभी योजनाओं को चाइल्ड बजट के जरिए एक मंच पर लाया जाएगा. जिससे बच्चों के कम्पलीट विकास को ध्यान में रखकर सभी योजनाओं का क्रियान्वयन एक साथ किया जा सके.
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वित्त विभाग ने शुरू की तैयारी
रविंद्र चौबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ के पहले चाइल्ड बजट के लिए वित्त विभाग ने बड़े स्तर पर तैयारी भी शुरू कर दी हैं. इसके आधार पर नए सिरे से सभी विभागों की योजनाएं तैयार की जाएंगी, जिससे एक जैसी कई योजनाएं न हों और जो भी योजना बने. उसका फायदा बच्चों को मिले.
बच्चों के लिए महिला बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग कई योजनाएं चलाता है, खास बात यह है कि अकेले महिला बाल विकास विभाग ने अपने 2200 करोड़ रुपए के बजट में से बच्चों पर 14 सौ करोड़ खर्च करने की योजना बनाई है. इसी तरह स्वास्थ्य विभाग 85 से 90 करोड़ रुपए खर्च करता है. स्कूल शिक्षा विभाग 14 हजार करोड़ रुपए की राशि बच्चों पर खर्च करेगा.
बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए लाया जाता है चाइल्ड बजट
चाइल्ड बजट का यह कांसेप्ट देश के कुछ राज्यों में लागू किया जा चुका है, दरअसल यह चाइल्ड बजट यूनीसेफ की उस योजना का हिस्सा है, जिसमें बच्चों के स्वास्थ्य और शैक्षिक विकास को सतत विकास लक्ष्य में शामिल किया हुआ है, इस योजना को छत्तीसगढ़ ने भी 2030 तक के लिए अपने सीजी एसडीजी विजन में समाहित किया है.
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