Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां पर काफी ज्यादा धान की पैदावार होती है. हालांकि प्रदेश के बलरामपुर जिले के एक धान खरीदी केंद्र से घोटाले की खबर सामने आई है. जिसके बाद खरीदी प्रभारी के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है. धान खरीदी में घोटाले की ये पहली खबर नहीं है, इससे पहले भी घोटाले की खबर सामने आ चुकी है. जानिए कैसे उजागर हुआ घोटाला. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है मामला 
पूरा मामला बलरामपुर जिले के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति भंवरमाल के रामानुजगंज धान खरीदी का है, यहां पर धान खरीदी में घोटाले को लेकर राइस मिलर ने शिकायत दर्ज कराई थी, शिकायत के बाद जांच की गई, इस दौरान धान खरीदी केंद्र में 40 लाख का धान कम पाया गया. जांच के बाद धान खरीदी प्रभारी महेश्वर गुप्ता पर साहकारिता विभाग ने FIR दर्ज कराया है, प्रभारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 के तहत मामला दर्ज हुआ है. 


ऐसे हुआ खुलासा 
भंवरमाल समिति से धान उठाव का डीओ रामानुजगंज के परम राइस मिल के संचालक सत्यम गुप्ता को दिया गया था. वो जब मार्च महीने का उठाव करने भंवरलाल समिति पहुंचे तो समिति में धान कम मिला. समिति के अनुसार 1200 क्विंटल से अधिक धान का उठाव शेष था. जिसके बाद एक्टिव मोड में नजर आते हुए मामले की जांच की तो खुलासा हुआ. 


पहले भी सामने आया है मामला 
इससे पहले भी छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से फर्जी धान खरीदी का मामला सामने आया था. यहां पर फर्जी रकबे में करोड़ो की धान खरीदी की गयी थी. जिस किसान के पास 02 एकड़ 45 डिसमिल खेत था, उस किसान ने 426 क्विंटल धान बेचा था. इस समिति में कई किसानों के नाम पर लगभग 250 से 300 एकड़ फर्जी रकबे का पंजीयन किया गया था, जिस पर धान की खरीदी की गयी थी. पूरे छत्तीसगढ़ में धान खरीदी वर्ष 2023-24 के लिए 01 नवम्बर 2023 से 07 फरवरी 2024 तक सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की गयी थी.  यहां पर करोड़ों का घोटाला हुआ था. 


(बलरामपुर से शैलेन्द्र सिंह बघेल की रिपोर्ट)