Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलने का मामला सामने आया है. बता दें कि इन मजदूरों ने डबरी निर्माण कार्य में गोदी खोदने का काम किया था.  लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी इन ग्रामीणों की मजदूरी नहीं मिल पाई है, जिसकी वजह से इन लोगों में भारी नाराजगी है. 


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ग्रामीणों को नहीं मिली मजदूरी 
पूरा मामला नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोंगेरा का है. बता दें कि यहां पर साल भर पहले मनरेगा के तहत डबरी निर्माण काम में 50 ग्रामीणों ने गोदी खोदने का कार्य किया था जिसका भुगतान आज तक नहीं हो पाया है. भुगतान नहीं होने की वजह से ग्रामीणों में भारी नाराजगी देखी जा रही है.  मामले को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि साल भर से बैंक के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन उन्हें मजदूरी नहीं मिल पा रही है. जिसकी वजह से जीवन यापन करने में इन लोगों को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. 


सहायक सचिव पर लगाया आरोप 
मामले को लेकर ग्रामीणों ने सहायक सचिव पर जाब कार्ड में हाजिरी नहीं भरने और सही जानकारी विभाग को नहीं भेजे का आरोप लगाया है. इसके अलावा लोगों ने कहा है कि जल्द भुगतान नहीं होने पर इसकी लिखित शिकायत कलेक्टर से करेंगे. इस मामले को लेकर मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी ने जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. 


पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले 
इससे पहले भी ग्रामीणों को मजदूरी न मिलने के मामले सामने आ चुके हैं.  बता दें कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित सुकमा  जिले में 200 मजदूरों के मजदूरी न मिलने का मामला सामने आया था.  इससे नाराज मजदूरों ने रोजगार सहायक की जमकर पिटाई कर दी थी.  बता दें कि जिले के कोंटा ब्लॉक के दुलेड़ पंचायत के अलग-अलग गांव में चार तालाब और देवगुड़ी निर्माण का काम हुआ था. जिसमें काम करने वाले मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली थी. 


(नारायणपुर से हेमंत संचेती की रिपोर्ट)