CM Mohan Yadav Cabinet: सीएम मोहन यादव ने मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया है. ऐसे में अब मंत्रियों को जिलों के प्रभार के बंटवारे का भी इंतजार है. हालांकि विभाग वितरण के बाद मंत्रियों को जिलों को प्रभार देना भी बड़ी चुनौती होगी क्योंकि सीएम और दोनों डिप्टी सीएम सहित 31 मंत्रियों के बीच प्रदेश के सभी 55 जिलों के प्रभारी तय होने हैं, जिसमें समीकरणों को बनाकर भी चलना है. माना जा रहा है कि जल्द ही सीएम मोहन यादव विभागों का भी बंटवारा कर सकते हैं. 


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लोकसभा चुनाव पर रहेगा फोकस 


दरअसल, बताया जा रहा है कि मंत्रियों को जिले के प्रभार दिए जाने पर आदिवासी बाहुल्य जिलों की जिम्मेदारी बीजेपी सीनियर मंत्रियों को सौंप सकती है. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में शामिल आदिवासी क्षेत्रों के नेताओं को अनुसूचित जनजाति इलाके के प्रभार सौपने की तैयारी की जा रही है, जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है. इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को जिन जिलों में हार का सामना करना पड़ा है, उन जिलों पर इस बार विशेष फोकस रहेगा, यहां सीनियर नेताओं की तैनाती की जाएगी. 


25 सीटों पर बीजेपी को मिली सफलता 


मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणामों में बीजेपी को 47 आदिवासी सीटों में से 25 सीटों पर सफलता मिली है. 2018 के मुकाबले 9 सीटों का इस बार बीजेपी को फायदा हुआ है. ऐसे में बीजेपी इस लीड को बरकरार रखने की कोशिश करेगी. ऐसे में पार्टी लोकसभा चुनाव में भी विजयी अभियान आगे ले जाने की रणनीति पर काम कर रही है. 


बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी ने जिलों में प्रभारी नियुक्त करने पर कहा कि सरकार लगातार नवाचार कर रही है. प्रदेश सरकार ने सही समय पर सही निर्णय हमेशा लिया है. प्रदेश में जिलों के प्रभारी भी समय पर नियुक्त किए जाएंगे. प्रदेश में पहले भी इतने ही जिले थे और अब भी सुशासन और विकास के लिए इस प्रभारी नियुक्त समय पर किए जाएंगे. सीएम जल्द ही जिलों के प्रभारी नियुक्त कर देंगे. 


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