जबलपुर: मध्यप्रदेश के जबलपुर की धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है. इस फैसले के मुताबिक यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्राओं को मासिक धर्म (Periods) के दिनों में छुट्टी देने का आदेश जारी किया है. जिसके तहत छात्राओं को 6 दिन की छुट्टियां मिलेगा. जो मेडिकल लीव नहीं माना जाएगा और छात्रों को इन दिनों में अनुपस्थित नहीं माना जाएगा. अब पीरियड्स लीव देने वाली धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी देश की पहली यूनिवर्सिटी बन गई है. 


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बता दें कि मासिक धर्म के दौरान  छात्राओं को अवकाश देने का आदेश पारित कर दिया गया है. इस फैसले के मुताबिक छात्राओं को सेमेस्टर के हिसाब से छुट्टी मिलेगी. यानी 1 साल में छात्राओं को 12 अवकाश दिए जाएंगे. वहीं छात्राओं ने इस फैसले का खुलकर स्वागत किया है.


परीक्षा में अंक नहीं काटे जाएंगे
वहीं धर्मशास्त्र लॉ यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं की क्लास में उपस्थित होने के नंबर्स दिए जाते हैं. अगर स्टूडेंट्स 70 प्रतिशत से ज्यादा उपस्थित होता है, तो तीन प्रतिशत नंबरों का इजाफा होता है. लेकिन पीरियड की वजह से कई छात्राओं को मजबूरी में छुट्टी लेनी पड़ती थी और इसका नुकसान छात्राओं का उठाना पड़ता था. जिसके उनके नंबर्स भी कम हो जाते थे. इसलिए यूनिवर्सिटी ने फैसला लिया है कि अब पीरियड्स के दौरान छात्राएं आवेदन कर छुट्टी ले सकती हैं, और इसका नुकसान उनके उपस्थिति के अंक में नहीं होगा.


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पूरी देश में बनीं पहली यूनिवर्सिटी 
जबलपुर की धर्मशास्त्र लॉ यूनिवर्सिटी अब देश की पहली यूनिवर्सिटी बन गई है, जिसने पीरियड लीव को फंक्शनल लिया है. देश की कई यूनिवर्सिटी में भी इसकी चर्चा हो रही है. गौरतलबब है कि आज भी भारत में लड़कियां इस विषय पर बात करने में शर्म महसूस करती थी लेकिन अब इस फैसले के बाद इस विषय पर खुलकर चर्चा होगी ही, साथ ही इस परेशानी में उन्हें मदद भी मिलेगी. 


रिपोर्ट - अजय दुबे