जेल में मोखा; अस्पताल में जारी है नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने खेल, मिला पक्का सबूत
जबलपुर में अभी भी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का खेल जारी है. पुलिस को इसका पक्का सबूत मिला है.
जबलपुरः कोरोना मरीजों को दिए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में जबलपुर से एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है. जबलपुर में एक मरीज को फिर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने का मामला सामने आया है. मरीज के बेटे ने पूरे मामले में पुलिस को चौकाने वाली जानकारी बताई है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, एक कोरोना मरीज के बेटे ने पुलिस को बताया कि जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का काम अभी जारी है. उसका कहना है कि उसे पिता को सिटी अस्पताल में इलाज के दौरान दो रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए थे, जो दोनों नकली थे. उसने दोनों इंजेक्शन की शीशी पुलिस को सौंपी है. मरीज के बेटे की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
सरबजीत सिंह मोखा के अस्पताल में भर्ती था कोरोना मरीज
मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि जबलपुर के अधारताल में रहने वाले एक परिवार के सदस्य को कोरोना पॉजीटिव होने पर 22 अप्रैल को सरबजीत सिंह मोखा के सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 23 अप्रैल को मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए थे. जिसमें दो इंजेक्शन नकली पाए गए. बताया जा रहा है कि कोरोना पॉजीटिव मरीज के पुत्र गोहलपुर थाने पहुंचे और उन्होंने बताया किस तरह से सिटी अस्पताल में नकली इंजेक्शन उनके पिता को लगाए गए थे.
पुलिस ने बताया कि जब मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कराया गया तो उसके बेटे ने इंजेक्शन की खाली शीशियां भी अपने साथ रख ली. शिकायतकर्ता ने बताया कि एक इंजेक्शन की शीशी टूट गई थी जबकि एक सुरक्षित थी जिसे पुलिस को सौंपा गया है. पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता के पिता को सिटी अस्पताल में लगे इंजेक्शन के सीरियल नंबर चेक करने पर यह बात स्पष्ट हो गयी है कि उसमें से दो इंजेक्शन का बेच नंबर एक जैसा पाया गया है. जिससे यह बात स्पष्ट होती है कि मरीज को नकली इंजेक्शन दिए गए थे. फिलहाल पुलिस ने शिकायत और प्राप्त सबूत के आधार पर आगे की जांच शुरू कर दी है
सरबजीत सिंह मोखा है नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मास्टरमाइंड
दरअसल, सरबजीत सिंह मोखा जबलपुर ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मास्टरमाइंड है जो फिलहाल जेल में है. नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में सरबजीत सिंह मोखा के तार गुजरात से जुड़े थे. सरबजीत सिंह मोखा वीएचपी का जबलपुर जिलाध्यक्ष था. रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में नाम सामने आने के बाद संगठन ने इसे सभी पदों से हटा दिया है. वहीं, मोखा के संबंध कई बड़े नेताओं से भी थे. बता दें कि गुजरात के मोरबी में ग्लूकोज और नमक से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार हुए थे. पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि 500 इंजेक्शन जबलपुर में खपाए गए हैं. आरोपियों ने ही सिटी अस्पताल के नाम लिए थे. इस मामले में प्रदेश कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी.
लेकिन जिस तरह से इन सभी गिरफ्तारी के बाद भी जबलपुर के सिटी अस्पताल में मरीज को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने का मामला सामने आया है. उससे यह बात स्पष्ट होती है कि भले ही इस मामले के मास्टरमाइंड गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का खेल अभी भी मध्य प्रदेश में जारी है.
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