प्रिया पांडेय/भोपाल: मध्यप्रदेश में पहली बार डॉ. अंबेडकर (Ambedkar Jayanti) की जयंती पर 154 कैदियों को रिहा किया गया है. इसमें 149 पुरुष कैदी और 5 महिलाएं कैदी शामिल हैं. इसके साथ ही अब  नई व्यवस्था के अंतर्गत वर्ष में चार बार अच्छे आचरण वाले कैदियों की रिहाई की जा रही है. बता दें कि जेल मुख्यालय ने इस संबंध में 11 अप्रैल को आदेश जारी किया था, जिसके बाद शुक्रवार को बंदियों को रिहा किया गया है. 


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गौरतलब है कि प्रदेश में राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर को अच्छे आचरण वाले कैदियों को शर्त पर रिहा किया जाता है. लेकिन पहली बार डॉ. अंबेडकर की जयंती पर बंदियों की रिहाई की सौगात मिली हैं.



गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कही ये बात 
इस मौके पर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने रिहा होने वाले बंदियों का आहवान किया है कि वे रिहाई के बाद समाज एवं परिवार के साथ बेहतर समय व्यतीत कर विकास के सहभागी बनें. उन्होंने बताया कि रिहा हुए बंदियों को बेहतर जीवन के लिये विभिन्न कार्य क्षेत्रों में जीविकापार्जन का प्रशिक्षण दिया गया है. मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि आजीवन कारावास से दंडित बंदियों में शीलभंग, पॉक्सो आदि प्रकरणों में निरूद्ध बंदियों को माफी नहीं दी गई है.


इन जेलों से रिहा हुए कैदी
केंद्रीय जेल भोपाल 15, खुली जेल भोपाल 2, केंद्रीय जेल इंदौर 21, खुली जेल इंदौर 1, केंद्रीय जेल नरसिंहपुर 6, जिला जेल टीकमगढ़ 4, केंद्रीय जेल सागर 15, केंद्रीय जेल रीवा 17, केंद्रीय जेल जबलपुर 10, केंद्रीय जेल नर्मदापुरम 4, नवजीवन आश्रम खुली जेल नर्मदापुरम 1, केंद्रीय जेल बड़वानी 3, केंद्रीय जेल ग्वालियर 25, केंद्रीय जेल सतना 10, खुली जेल सतना 1, केंद्रीय जेल उज्जैन से 19 कैदी रिहा किए गए हैं.